नियुक्ति घोटाला में नीतीश के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर लगे आरोप पाए गए थे सही


बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में वर्ष 2012-13 के दौरान हुए नियुक्ति घोटाले में तत्कालीन वीसी और वर्तमान में मंत्री बनाये गये मेवालाल चौधरी पर लगे आरोप सही पाये गये थे। राजभवन द्वारा नियुक्ति में हुई अनियमितता की जांच का निर्देश दिये जाने के बाद हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस ने इसकी जांच की थी।


राजभवन के निर्देश पर ही फरवरी, 2017 में पूर्व कुलपति के खिलाफ सबौर थाना में केस दर्ज किया गया था। पुलिस की जांच में उन पर लगे आरोप सही पाये गये थे पर अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गयी है। एसएसपी का कहना है कि कुछ बिंदुओं पर जांच जारी है, इसलिए चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी है।


केस के आईओ बदले, कई की गिरफ्तारी भी हुई थी
केस दर्ज किये जाने के बाद भागलपुर के डीएसपी मुख्यालय रमेश कुमार केस के आईओ बनाये गये थे। लंबे समय तक उन्होंने केस की जांच की। कई से पूछताछ हुई और कई को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया। नियुक्त घोटाले में प्रो. राजभवन वर्मा, अमित कुमार और पूर्व कुलपति के भतीजे रमेश चौधरी को एसआईटी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। रमेश चौधरी पर सुल्तानगंज थाने के कटहरा गांव के हिमांशु कुमार ने बहाली के दो लाख का चेक देने का आरोप लगाया था। केस के आईओ रमेश कुमार को तारापुर का एसडीपीओ बना दिया गया जिसके बाद केस का आईओ डीएसपी मुख्यालय 2 सुनील कुमार को बनाया गया है।


क्या था मामला
बिहार कृषि विश्वविद्यालय में वर्ष 2012-2013 में लगभग 160  सहायक प्राध्यापक व कनीय वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितता बरती गई थी। बहाली के लिए चयन समिति के अध्यक्ष व तत्कालीन कुलपति मेवालाल चौधरी ने प्रो. राजभजन वर्मा को ऑफिसर इंचार्ज (नियुक्ति) और अमित कुमार को सहायक निदेशक (नियुक्ति) बनाया था। आरोप लगा था कि दोनों ने बहाली में धांधली की और पास अभ्यर्थिर्यो को फेल कर वेबसाइट पर रिजल्ट जारी कर दिया था।


इसके बाद विश्वविद्यालय से बहाली से जुड़े कागजात भी गायब कर दिए थे। मामला प्रकाश में आया तो राजभवन के निर्देश पर हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस ने इसकी जांच की थी। राजभवन के निर्देश पर फरवरी, 2017 में पूर्व कुलपति के खिलाफ सबौर थाना में केस दर्ज किया गया था।पूर्व कुलपति से भी एसआईटी ने पूछताछ की थी। उसके बाद वे भूमिगत हो गये थे और बाद में पता चला कि उन्होंने हाइकोर्ट से बेल भी ले लिया।


बीएयू में नियुक्ति में हुई अनियमितता की जांच में तत्कालीन कुलपति पर लगे आरोप सही पाये गये थे। उन्होंने कोर्ट से बेल ले लिया है। कुछ बिंदुओं पर अभी भी जांच की जा रही है। इसलिए अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी है। - आशीष भारती, एसएसपी  


 


Sources:Hindustan samachar


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