खुशख़बरी- उत्तराखंड में जल्द होगी टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना: अनिल बलूनी


देहरादून / उत्तराखंड में जल्द टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना होने जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के मुताबिक टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा ने उत्तराखंड में कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना की दिशा में कार्य करने के लिए अपने अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। स्वयं रतन टाटा ने सांसद बलूनी को यह जानकारी दी।


भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी की पहल पर रतन जी टाटा ने भरी हामी।



जी हाँ “न मैं कोई पोस्टर लगाऊंगा व न ही कोई मंत्री वगैरह बनूंगा । मुझे सिर्फ 6 साल राज्य सभा सांसद की जिम्मेदारी निभानी है। अगर मेरे सांसद रहते मैं अपने प्रदेश के लिए कुछ जिम्मेदारियां निर्वहन कर सकूं तो स्वयं जनता जनार्दन मेरे 06 साल के कार्यकाल के बाद मुझे कहेगी कि अब आप कुछ और जिम्मेदारी भी उठाइये।”


ऐसे ही कुछ उद्गगार तब भाजपा के केंद्रीय मीडिया प्रवक्ता व राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखण्ड विधान सभा में व्यक्त किये थे जब वे राज्य सभा सांसद मनोनीत हुए थे, लेकिन हम सभी उनकी कार्यशैली से कभी उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल करते रहे तो कभी केंद्रीय मंत्रिमंडल में। लेकिन यह सब मिथक ही साबित ही हुआ और मीडिया की इस कयासबाजी के कारण प्रदेश भाजपा भी कभी सहज तो कभी असहज महसूस होती दिखी।







 


भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने पुनः इस बात को साफ किया कि वे कभी भी इन सब दौड़ में शामिल नहीं रहे बल्कि उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि वे पूरे 06 राज्य सभा सांसद रहेंगे व सांसद रहकर प्रदेश व जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। हुआ भी वही अनिल बलूनी अभी तक करते भी वही आ रहे हैं।





उनके कार्यकाल के दौरान उत्तराखण्ड में हुए कार्यों का अगर आंकलन किया जाय तो उसकी फेबिस्त बहुत लम्बी है। फिर भी फिंगर टिप्स पर हल्द्वानी- काठगोदाम-देहरादून के लिए नैनी-दून एक्सप्रेस रेल, कोटद्वार व टनकपुर के लिए अलग अलग दिल्ली से शीघ्र ही चलने जा रही जनशताब्दी एक्सप्रेस, काशीपुर-धामपुर रेल लाइन सर्वे (इसके लिए हमें मुरादाबाद नहीं जाना पड़ेगा व ढाई घन्टे का रेल सफर बचेगा), डॉप्लर रडार, ढाई हजार करोड़ की मसूरी व नैनीताल पेयजल लाइन की डीपीआर, अपनी सांसद निधि से स्वास्थ्य के क्षेत्र में आईसीयू निर्माण, सैनिक व अर्द्ध सैनिक अस्पतालों में उत्तराखण्ड के सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए ओपीडी सुविधा, उत्तराखण्ड की आपदाओं को देखते हुए एनडीआरएफ की एक अलग यूनिट उत्तराखण्ड के लिए, प्रदेश में राष्ट्रीय पत्रकारिता संस्थान की स्थापना, एम्स व सुशीला तिवारी अस्पताल में रेन बसेरे (अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई), टनकपुर-चखुटिया-गैरसैण-रामनगर तक नई रेललाइन के सर्वे में गैरसैण व रामनगर को जोड़ने की कवायद इत्यादि ऐसे कई कार्य हैं जिन पर या तो कार्य हो चुका है या प्रारम्भ है।



विगत 24 नवम्बर 2020 को  रतन जी टाटा द्वारा टाटा ट्रस्ट के लेटर हेड के माध्यम से पत्र द्वारा उत्तराखण्ड के राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी को लिखे पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अनिल बलूनी के पत्र या वार्ता पर उन्होंने बेहद रुचि लेकर उत्तराखण्ड में टाटा ट्रस्ट के माध्यम से वर्ल्ड क्लास कैंसर अस्पताल स्थापित करने में रुचि दिखाते हुए स्पष्ट किया है कि उन्होंने सम्बंधित प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए टाटा ट्रस्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर एन श्रीनाथ को सम्बंधित प्रकरण से अवगत करवाया है, जिससे साफ स्पष्ट होता है कि जल्द ही कुछ बर्षों प्रदेशवासियों को कैंसर हॉस्पिटल मिल जाएगा जो विश्व की सभी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण होगा व प्रदेश भर के कैंसर पीड़ितों सरकारी अस्पतालों से भी सस्ता इलाज मिल सकेगा जिसमें वर्ल्ड क्लास डॉक्टर होंगे।


भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी ने सोशल साइट पर अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि जब वे मुम्बई में टाटा कैंसर अस्पताल में कैंसर से जीवन व मौत की लड़ाई लड़ रहे थे तब ही उन्होंने संकल्प कर लिया था कि वे उत्तराखण्ड में भी कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे ताकि प्रदेश भर के कैंसर पीड़ित वासियों को इस भयंकर बीमारी से निजात मिल सके। उन्होंने रतन जी टाटा के पत्र में प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह अस्पताल हम सबक के लिए मृत संजीवनी साबित हो सकती है।



बहरहाल यह तो तय है कि उत्तराखंड राज्य बनने के इन 20 बर्षों में दूर दूर तक ऐसा कोई राज्यसभा सांसद दिखाई नहीं देता जिसका प्रोफाइल प्रदेश के लिए इतना पारदर्शी रहा हो। रिवर्स गेयर पर जाकर देखें तो सचमुच आज भी मनोमस्तिष्क पर अनिल बलूनी के वही शब्द गूंजते हैं जो उन्होंने सांसद बनने के बाद प्रदेश की विधान सभा में कहे थे। अब लगता है कि वक्त आ गया है जब प्रदेश की जनता पूछे कि “खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले ,


 


Sources:Vichareknayeesoch


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