बंगाल में बढ़ रहा भाजपा का प्रभाव, कुछ क्षेत्रों में संगठनात्मक मुद्दों का करना होगा समाधान: सर्वे


सूत्रों के अनुसार पार्टी ने और एक ऐसा ही सर्वेक्षण कराने का काम हाथ में लिया है तथा वह इस माह के आखिर में प्रारंभ होगा। उनके मुताबिक 2019 के अंत तक और जुलाई में कराये गये पिछले सर्वेक्षणों के नतीजे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखे गये।



 


कोलकाता /  पश्चिम बंगाल में लोगों के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विकल्प के रूप में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है लेकिन पार्टी को कुछ क्षेत्रों में संगठनात्मक मुद्दों का सुधार करना होगा। भाजपा के दो अंदरूनी सर्वेक्षणों में यह बात सामने आयी है। इस घटनाक्रम से संबद्ध सूत्रों ने बताया कि भाजपा अगले साल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है और उसने लोगों का मूड जानने, अपनी एवं अपने विरोधियों की ताकत एवं कमजोरियों तथा अपने उम्मीदवारों की जीत की संभावना का आकलन करने के वास्ते अलग-अलग सर्वेक्षण करने के लिए दो एजेंसियों की सेवा ली। 


सूत्रों के अनुसार पार्टी ने और एक ऐसा ही सर्वेक्षण कराने का काम हाथ में लिया है तथा वह इस माह के आखिर में प्रारंभ होगा। उनके मुताबिक 2019 के अंत तक और जुलाई में कराये गये पिछले सर्वेक्षणों के नतीजे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखे गये। यह अगले साल अप्रैल-मई में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के वास्ते पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए अहम होगा। सूत्रों का कहना है कि दूसरे सर्वेक्षण में पाया गया कि चक्रवात अम्फान के बाद तृणमूल कांग्रेस के विरूद्ध लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने जमीनी हकीकत बदल डाली और उसे भाजपा के पक्ष में कर दिया।


भाजपा के एक केंद्रीय नेता ने कहा, ‘‘पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में समर्थन की लहर थी लेकिन संसदीय एवं विधानसभा चुनाव की रूपरेखा भिन्न होती है और हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। इसलिए, जमीनी हकीकत का आकलन कराने के लिए सर्वेक्षण कराये गये। ’’ 


उन्होंने कहा कि पार्टी की केंद्रीय इकाई ने एजेंसियां नियुक्त की थी और प्रदेश भाजपा के महज चंद नेता इससे वाकिफ थे। पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले भी ऐसे ही सर्वेक्षण कराये थे। दशकों तक राजनीतिक रूप से ध्रुवीकृत रहे पश्चिम बंगाल में अपनी सीमित मौजूदगी के बाद भी भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव मे तृणूमूल कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी थी। उसने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 जीती थीं पार्टी को 40.5 फीसद वोट मिले और वह राज्य की 294 विधानसभा क्षेत्रों में से 125 से अधिक पर आगे रही थी। पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में220 से अधिक सीटें जीतने की जुगत में लगी है।


Source:Agency news


 



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