कृषि कानून पूंजीपतियों के लिये, अनुबंध कृषि से किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जायेगा: भूपेश बघेल


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने बिहार में शराबबंदी की नीति पर भी तंज किया और कहा कि कोई भी कानून हो, उसकी प्रतिपूर्ति को लेकर समय समय पर समीक्षा की जानी चाहिए।



पटना / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने हाल में बनाये गए कृषि संबधी तीन कानून का विरोध करते हुए शनिवार को कहा कि यह किसान, उपभोक्ता विरोधी है और पूंजीपतियों के लिये हैं और अनुबंध कृषि के माध्यम से सरकार किसानों की सारी जमीन हड़प लेना चाहती है जिससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा। कांग्रेस नेता ने कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन कानूनों का विरोध करते संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि पूँजीपतियों के लिए है। यह आम उपभोक्ताओं के खिलाफ है, किसान विरोधी है। ये किसान विरोधी ही नहीं आम उपभोक्ता विरोधी भी है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार कहती है कि एफसीआई की भूमिका सीमित कर देनी चाहिए, न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद कर देनी चाहिए, सार्वजनिक विमरण प्रणाली (जिससे गरीब को राशन मिलता है) को बंद कर देना चाहिए। बघेल ने कहा, ‘‘ये सारी व्यवस्थाएं केवल पूँजीपतियों को लाभ देने के लिए की जा रही हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि जो कानून इन्होंने बनाए, दरअसल यह सब शांता कुमार की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है, जिसमें कहा गया कि जो राज्य अनाज पर बोनस दे उसके यहाँ से एफसीआई अनाज नहीं खरीदेगी।







Bhupesh Baghel

 



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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कहा गया है कि मंडी समाप्त होंगे, पैन कार्डधारी अनाज खरीद सकेंगे, मंडी लाइसेंस की जरूरत नहीं और 1955 में नेहरू जी के बनाए कानून आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त किया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार अनुबंध कृषि (कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग) के माध्यम से किसानों की सारी जमीन हड़प लेना चाहती है, जिससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा।’’ भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 3 काले कानूनों के बारे में कहा है कि कुछ राजनीतिक दल दलालों के पक्ष में बात कर रहे हैं जबकि दलालों का बढ़ावा देने और संरक्षण देने का काम उनकी ही सरकार कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये पूंजीपतियों के लिए बनी सरकार है और आप (प्रधानमंत्री) विपक्ष पर आरोप मत लगाइए। बघेल ने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आपने नहीं बनाए लेकिन आप उन्हें बेचने का काम जरूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और क्या ये कानून बनाते समय किसानों या राज्य सरकारों से पूछा गया ? उन्होंने प्याज की कीमत 70 रूपये से 80 रूपये होने का भी जिक्र किया। 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने बिहार में शराबबंदी की नीति पर भी तंज किया और कहा कि कोई भी कानून हो, उसकी प्रतिपूर्ति को लेकर समय समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी का पालन हो रहा है या नहीं और तस्करी से घर घर पहुंच रहा है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। बिहार में कांग्रेस का चुनाव प्रचार करने आए बघेल ने आरोप लगाया कि 70 के दशक में इंदिरा जी ने जो जमीन गरीबों को दी, उनपर भाजपा की नजर है। उन्होंने कहा कि जो मजदूर बिहार वापस आए थे, वे फिर से बाहर जा रहे हैं क्योंकि बिहार में रोजगार नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन में लाखों लोग सड़कों पर थे, अकेले बिहार में 30 लाख से अधिक लोग वापस आए। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कहते रहे कि हम रोजगार देंगे किसी को बाहर जाने की जरूरत नहीं है, लेकिन बिहार वापस आए सभी लोग फिर से पंजाब जाने को बाध्य हो गए।’’ सत्तारूढ़ राजग गठबंधन पर निशाना साधते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ यदिराजग का गठबंधन है तो इससे चिराग को बाहर क्यों नहीं किया गया? कल प्रधानमंत्री जी ने एक भी शब्द उनके बारे में क्यों नहीं कहा? ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अपने ही साथी को ठगने का काम ये लोग कर रहे हैं। ये गठबंधन नहीं ठगबंधन है।


Source:Agency News


 



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