मंत्री रेखा आर्य और निदेशक के बीच विवाद की जांच करेंगी मनीषा पंवार


महिला कल्याण बाल विकास विभाग में मंत्री और निदेशक के बीच विवाद का विषय बने, एजेंसी चयन मामले की जांच अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार करेंगी। सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव ने मनीषा पंवार को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। मंत्री रेखा आर्य और  निदेशक वी षणमुगम के बीच हुआ विवाद अब थमने के आसार नजर आ रहे हैं। मामले को लगातार बढ़ता देख, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पूरे प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।


मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के जरिए मामले की जांच कर सम्पूर्ण तथ्य सामने रखे जाएं। जांच के आधार पर इस मामले में अंतिम फैसला होगा। इसके बाद मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए, पूरे विवाद की सम्पूर्णता से जांच करने को कहा है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार शाम को आईएएस एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल इस मामले में मुख्य सचिव से मुलाकात करने भी गया था, लेकिन व्यस्तता के कारण इस विषय पर चर्चा नहीं हो पाई।  


रेखा का आरोप मांगने पर भेजी फोटो स्टेट फाइल 


इस मामले में गुरुवार को एक और मोड आया। मंत्री रेखा आर्य ने एजेंसी चयन टेंडर प्रक्रिया की फाइल विभाग से तलब की थी। जो गुरुवार को निदेशालय के कर्मियों के जरिए मंत्री को उपलब्ध कराई गई। लेकिन फाइल देख मंत्री और आक्रोशित हो गई हैं। रेखा आर्य ने बताया कि उन्हें मूल फाइल देने के बजाय फोटो स्टेट कॉपी दी गई है। इसमें भी अहम तथ्य गायब हैं। उन्होंने इसे अनुशासहीनता करार दिया है। रेखा आर्य ने बताया कि सीएम ने उन्हें पूरी फाइल लेकर आने को कहा था। इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को ही फाइल अपने पास तबल की थी। दो दिन बाद विभाग ने फाइल भेजी भी है तो इसे फोटो कॉपी के स्वरूप में भेजा गया है। इसमें भी जरूरी तथ्य नहीं है।


रेखा ने बताया कि उन्होंने सीएम कार्यालय को इस बारे में सूचित कर दिया है कि क्या फोटो कॉपी स्वरूप में ही फाइल लेकर आनी है या फिर मूल कॉपी लेकर आनी है। रेखा ने कहा कि प्रभावित कर्मचारियों को पांच महीने से मानदेय नहीं मिल पाया है, लेकिन अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इधर, विभागीय सचिव सौजन्या ने बताया कि उक्त फाइल ई टेंडर से जुड़ी है, जिसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से पूरी की गई है। ऐसे में फाइल डाउनलोड कर प्रिंट स्वरूप में दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई तथ्य कम रह गए हैं तो मंत्री के मांगने पर वो भी उपलब्ध करा दिए जाएंगे।


आईएएस एसोसिएशन राज्य या केंद्र की सीबीआई जैसी किसी भी संस्था से जांच करवा ले, मैं जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं। टेंडर प्रक्रिया में यदि मैं दोषी हुई तो सजा के लिए तैयार हूं, लेकिन यदि अधिकारी दोषी पाए गए तो उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। 
रेखा आर्य, महिला कल्याण बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)


रेखा ने हरीश दाज्यू को दी बहस की चुनौती


इधर, विवाद पर हरीश रावत की फेसबुक पोस्ट के बाद रेखा आर्य  ने पलटवार किया है। रेखा ने हरीश रावत को अपना दाज्यू करार देते हुए, उन्हें सार्वजनिक बहस की चुनौती दी है। रेखा ने कहा है कि यदि उन पर लगे आरोप साबित हुए तो वो राजनीति से सन्यास ले लेंगी, लेकिन यदि दाज्यू पर आरोप साबित हुए तो वो सन्यास भी नहीं ले सकेंगे, क्योंकि उन्हें जनता ने पहले ही सन्यास दे दिया है। 
 Source: hindustan samachar


 


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