मांगों पर नहीं बनी सहमति, डॉक्टरों का आंदोलन का फैसला बरकरार, काली पट्टी बांध कर करेंगे काम

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.अमिता उप्रेती से वार्ता में मांगों पर सहमति न बनने पर आंदोलन का फैसला बरकरार रखा है। एक से सात सितंबर तक प्रदेश भर के डॉक्टर सांकेतिक विरोध के तहत काली पट्टी बांध कर काम करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव स्वास्थ्य को डॉक्टरों से बात करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि कर्मचारी कोई भी हो, अगर उनकी कोई जायज मांग है तो उसे मानना चाहिए।


 


संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नरेश नपलच्याल की अगुवाई में मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक के साथ बैठक हुई। मांगों पर सहमति न बनने से संघ अपने फैसले पर अडिग है। बृहस्पतिवार को संघ शासन स्तर पर सचिव स्वास्थ्य से मांगों को लेकर मुलाकात करेगा। संघ का कहना है कि जब तक सरकार और शासन स्तर पर मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मंगलवार से प्रदेश भर के डॉक्टर काली पट्टी बांध कर काम करेंगे और आठ सितंबर को सामूहिक इस्तीफा देंगे। 
संघ ने सरकार के उस फैसले का विरोध किया। जिसमें डॉक्टरों से प्रति माह एक दिन का वेतन काटा जा रहा है। वहीं, अस्पतालों में प्रशासनिक हस्तक्षेप और पीजी डॉक्टरों को सीएम की घोषणा के बाद भी पूरा वेतन नहीं दिया गया। कोरोना काल में मांगों को लेकर डॉक्टरों की नाराजगी को सरकार ने गंभीरता से लिया है।


 




मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को डॉक्टरों की समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक से हुए वार्ता में प्रदेेश महासचिव डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. प्रताप सिंह रावत, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. प्रवीण पंवार, डॉ. आनंद शुक्ला, डॉ. गरिमा मौजूद रहे।


Source: Agency news


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