गंगा रक्षा की शपथ लेने वाले पहले राष्ट्रपति थे प्रणब मुखर्जी, 2016 में हरिद्वार गंगा आरती में हुए थे शामिल











पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का उत्तराखंड और हरिद्वार से गहरा नाता रहा है। यहां की वादियों से पूर्व राष्ट्रपति काफी प्रभावित थे। मां गंगा के प्रति उनकी बेहद आस्था थी। मां गंगा की रक्षा की शपथ लेने वाले प्रणब मुखर्जी देश के पहले राष्ट्रपति थे।


इसके अलावा वे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हुए थे। हालांकि प्रणब मुखर्जी के बाद रामनाथ कोविंद ने भी भी गंगा रक्षा की शपथ ली है।


29 सितंबर 2016 की बात है, जब तत्कालीन राष्ट्रपति अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर थे इस दौरान वह भगवान केदारनाथ देहरादून समेत कई अन्य जगह गए थे।


29 सितंबर को उन्होंने हरिद्वार में हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड से मां गंगा की पूजा-अर्चना की थी। तब वह हरकी पैड़ी पर श्रीगंगा सभा के शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने पूरे विधिविधान से तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में मां गंगा की पूजा-अर्चना की थी।


इसके बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में राष्ट्रपति ने गंगा की अविरलता, स्वच्छता और निर्मलता की शपथ ली। इसके बाद आरती संपन्न होने तक राष्ट्रपति मां गंगा की भक्ति में लीन नजर आये थे। 


गंगा पूजन से गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं
प्रणब मुखर्जी ने श्रीगंगा सभा की विजिटर्स बुक में लिखा था कि ‘परम पावन ब्रह्मकुंड में हरकी पैड़ी आकर और गंगा पूजन से गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं। यहां की देखरेख तथा सफाई एवं नियमित रूप से गंगा आरती के आयोजन के लिए मैं श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों को बधाई देता हूं। 


2015 में नहीं आ सके थे हरिद्वार
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी की अस्थियां अगस्त 2015 में हरकी पैड़ी पर धार्मिक कर्मकांड के बीच गंगा में प्रवाहित की गई थीं। उस वक्त प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति थे वह हरिद्वार आना चाहते थे लेकिन आ नहीं सके थे। बेटे और परिवार के अन्य सगे-संबंधियों ने अस्थियां प्रभावित की थीं। 2016 में जब वह हरिद्वार आए तब उन्होंने इस बात का जिक्र किया था।













Source: Agency news




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