उत्तराखण्ड में कोरोना पॉजिटिव एसआई की मौत ,पुलिस विभाग में पहला मामला।


देहरादून /  उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कोरोना से पीएसी के एक प्लाटून कमांडर की मौत हो गई है। पुलिस विभाग कोरोना से ,मौत का यह पहला मामला सामने आया है। वही पुलिस विभाग में हुई इस क्षति पर पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी व महानिदेशक ( एल ओ ) अशोक कुमार ने दुःख जताया है। पुलिस मुख्यालय जानकारी के अनुसार रुद्रपुर स्थित 46वीं वाहिनी पीएसी के प्लाटून कमांडर सब-इंस्पेक्टर शिवराज सिंह राणा की उपचार के दौरान दून अस्पताल में मौत हो गई। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद एसआई राणा 19 अगस्त से दून अस्पताल में भर्ती थे। मूल रूप से सितारगंज के रहने वाले मृतक शिवराज सिंह राणा (55 वर्ष ) 1988 बैच के पुलिस जवान थे। इस घटना को लेकर पुलिस विभाग में शोक की लहर है। पुलिस मुख्यालय ने इस घटना पर दुख जताते हुए महकमे में अधिक से अधिक पुलिस कर्मियों के कोरोना टेस्ट को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। 


डीजी (एल ओ) अशोक कुमार के मुताबिक, पीएसी प्लाटून कमांडर शिवराज सिंह राणा 7 अगस्त को अवकाश पर अपने गृह जनपद रुद्रपुर जाते समय रास्ते में ट्रेन की बोगी में एक महिला के कोरोना संक्रमित होने की खबर मिली थी। ऐसे में ट्रेन के रुद्रपुर पहुंचते ही संक्रमित महिला जिस कंपार्टमेंट में थी उसमें मौजूद सभी लोगों को एहतियातन क्वारंटाइन किया गया था। शिवराज सिंह राणा को भी 3 दिन इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन और 7 दिनों के लिए होंम क्वारंटाइन थे। इस दौरान उनमें कोई लक्षण नजर नहीं आये थे। 17 अगस्त को शिवराज सिंह राणा देहरादून में ड्यूटी के लिए पहुंचे कि 19 अगस्त को अचानक उनकी तबीयत खराब हुई थी और तभी से वह देहरादून के दून अस्पताल में भर्ती थे। उत्तराखंड पुलिस विभाग में अबतक की स्थित पर डीजी (एल ओ) अशोक कुमार ने बताया कि अभी तक विभाग में 346 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव मिले है ,इसमें से 176 ठीक हो चुके है जबकि 104 पुलिसकर्मी उपचार के बाद ड्यूटी पर वापस लौट चुके हैं। उनके अनुसार अबतक 2257 कर्मियों को एहतियातन क्वारंटाइन किया जा चुका है, जबकि समयावधि व क्वारंटाइन नियमानुसार 1851 लोग ड्यूटी पर वापस लौट चुके हैं। पुलिस विभाग में कोरोना से हुई पहली मौत पर दुख जताते हुए डीजी (एल ओ) अशोक कुमार ने कहा कि पूरे विभाग में जहां भी संक्रमित या कोरोना लक्षण वाले कर्मी मिल रहे हैं, वहां अधिक से अधिक कोरोना टेस्ट कराने की कार्रवाई पहले से तेज कर दी गई है। इसके अलावा अवकाश से लौटकर वापस आने वाले कर्मियों के साथ-साथ अन्य यूनिट में काम करने वाले लोगों के भी टेस्ट की गति बढ़ा दी गई। आपको बता दे कि देहरादून और हरिद्वार में 55 वर्ष से ऊपर के कर्मचारियों को ऐतिहात के साथ ड्यूटी लगाई जा रही है। जिससे कि उनका बचाव हो सके। 


Source :Agency news 


टिप्पणियाँ

Popular Post