ब्रेकिंग न्यूज..CM के फिजिशियन व CMO की तनातनी , डाॅ0 बिष्ट सत्यग्रह पर बैठे.!


देहरादून/ राजधानी में 22 जुलाई को मुख्यमंत्री की फिजिशिएन डाॅ0 एन0एस0बिष्ट का सबर का बांध टुटा और पं0 दीनदायाल कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी अस्पताल के रहे सीएमएस एवं वर्तमान कार्यरत सीएमओ,देहरादून के डाॅ0 बी0सी0 रमोला के द्वारा मानसिक उत्पीड़न पीछले महीने मार्च 2020 से लगातार डाॅ0 उनके व्यवाहार के कारण व सीएमओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए मंगलवार को प्रातः 10.00 बजे करीब े गांधी शताब्दी अस्पताल देहरादून में डाॅ0 बिष्ट ने सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री के फिजिशियन डा. एनएस विष्ट के सोशल मीडिया में वायरल हुए एक पत्र के दौरान वही जिसमें डाॅ0 एनएस बिष्ट वरिष्ठ फिजिशियन के धरने/सत्यागृह की जानकारी मिलते ही स्वस्थ विभाग में हड़कंप मच गया।


वही इसी दौरान सूचना मिलते ही स्वास्थ्य महानिदेशक श्रीमति अमिता उपरेती व कई चिकित्साअधिकारीयों के साथ गांधी शताब्दी अस्पताल धरना स्थल को डाॅ0 बिष्ट को मनाने पहुंच गई । वही जिसमें आपको बता दे कि घटना के मुताबिक उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री के फिजिशियन वरिष्ठ चिकित्साक ने मंगलवार को सीएमओ डॉ0 बीसी रमोला पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। वही इस दौरान डाॅ0 बिष्ट ने बताया स्वास्थ्य विभाग की टीम एवं स्वास्थ्य महानिदेशक के हवाले से बताया है कि जो भी आरोप लगाए गए हैं उनकी जांच की जाएगी। जिसमें डाॅ0 बिष्ट के द्वारा सीएमओं पर अरोप के दौरान ये सवाल उठ रहे। जिसमें अपने सवाल यह कहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे चिकित्सक को देहरादून जैसे जिले का मुखिया सीएमओ क्यों बनाया।


–जिस चिकित्साअधिकारी पर सीएमएस रहते हुए पद के दुरुपयोग और यौन शोषण तक के गंभीर आरोप पहले से ही हैं।


–ये हैं डाॅ0 रमोला पर आरोप पहले अपने ऑफिस में 16 मार्च को रमेाला ने मेरे साथ भरी मीटिंग में गैर पेशेवराना दुर्व्यवहार किया। कोविड की इस मीटिंग में उन्होंने मुझसे ऊलजलूल बातें कीं। साथ ही मेरे अस्पताल प्रवास के दौरान एक कोविड फिजिशियन के रूप में मेरा भांति.भांति से उत्पीड़न किया। जबकि आपको बता दे कि दून जिले के सीएमओ डॉ बीसी रमोला को सीएम के फिजिशियन डॉक्टर के आरोपों की जंग किसी से छिपी नहीं है पिछले महीने मार्च से यह जंग शुरुआत हुई है।


–18 मार्च को जब मैं कोविड फिजिशियन के रूप में अस्पताल में प्रवास में था तो मेरी भ्रामक वीडियो बनाकर दुष्प्रचार किया गया।


–कोविड फिजिशियन रहने के बावजूद मेरी एसीआर खराब की जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में मेरी एसीआर उत्कृष्ट रही है।


–डाॅ0 रमोला ने मेरे अस्पताल प्रवास के दौरान मुझे अपनी पहुंच का हवाला देकर नेस्नाबूत करने की धमकी दी।


— और फिर कोविड नोडल आफिसर द्वारा दिए गए ठोस आईसोलेशन को अस्वीकार करते हुये मेरे विरुद्ध नोट शीट बनाई। मेरे पास विभिन्न माध्यमों को भेजकर लगातार मुझ पर मानसिक दबाव बनाया गया और अंत में एक प्रश्नमाला पकड़ाकर मुझे धमकाने की कोशिश की।


–डाॅ0 सीएमओ ने मुझे फोन के माध्यम से एसीआर ठीक करने का लालच दिया। और साथ ही यही नही महानिदेशक के माध्यम से मेरे पास भेजकर पद का लालच दिया। इसके अलावा भी सीएमएस रहते डाॅ0 रमोला पर पहले यौन शोषण का आरोप लगा चुका है। और इसी के साथ फोर्टीज अस्पताल में अवैध कैंटीन चलाने व अपने सहयोगी चिकित्सकों का मीडिया के जरिये दुष्प्रचार करने का आरोप भी उन पर है।


 


वही डाॅ0 बिष्ट के पत्र से ज्ञात हुआ है कि इन सभी आरोपों पर अडिग हैं। और वह अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने मंगलवार को इस दौरान आपको बता दें कि डॉक्टर एनएस बिष्ट ने सत्याग्रह के दौरान इसको उल्टा पर स्टैथोस्कोप एवं एप्रेनकोर्ट उल्टा पहनकर सत्याग्रह के दौरान में विरोध के रूप में बैठे साफ शब्दों में कहा कि उनकी यलगार पद और धन के लिए नहीं बल्कि संवेदनहीनता के खिलाफ है।


वही डाॅ0 बिष्ट ने अरोप लगाया कि सीएमओ डाॅ बीसी रमोला ने उनकी वार्षिक चरित्र पंजिका में प्रतिकूल,प्रविष्टि दी। वही सीएमअनो ने डायलिसिस सेंटर पर हैपेटाइटिस-सी फैलाया, जिसकी वजह से उन्हें मानवाधिकार आयोग में जाना पड़ा।


Source :Uttarakhand dwar


टिप्पणियाँ