तीन महीने में, सवा 3 सौ लोगों से ठगी।


तीन महीने में सवा 3 सौ लोगों से ठगी।  


आरोपी अब्दुल करीम ने अपना नाम बदलकर राहुल रख लिया था। उसके कब्जे से पुलिस ने मोबाइल और दोनों नामों के आधार कार्ड बरामद किए हैं। आरोपी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वह करीब सवा तीन सौ लोगों से ठगी कर चुका है। रकम छोटी होती है, इसलिए अभी तक किसी ने भी इसकी शिकायत नहीं की थी। आरोपी फेसबुक पर बने कई रक्तदान ग्रुप के पेज का सदस्य है। इसके जरिये वह शिकार फंसाता है। वह पेशे से कैटरिंग का काम करता है, लेकिन फेसबुक पर पेज के जरिये वह खून बेचने के धंधे में शामिल है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जरूरतमंदों को खून उपलब्ध कराने के लिए वह छात्रों से संपर्क कर उनका खून बिकवाता था। पहले भी की है ठगी,आरोपी अब्दुल करीम पर हौजखास थाने में ठगी का केस दर्ज है। 2017 में आरोपी ने अंजान व्यक्ति से रक्तदान कराया और फिर लैपटॉप आर नकदी लूट ली थी। गूगल पे लिंक के सहारे गिरफ्तार : डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के के लिए एसएचओ प्रदीप पालीवाल के नेतृत्व में एसआई रॉबिन सिंह की टीम गठित की गई। जांच के दौरान पुलिस ने गूगल पे लिंक और दोनों मोबाइल फोन नंबरों के सहारे आरोपी राहुल उर्फ अब्दुल करीम को पुल प्रहलादपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष के जानकार और सिविल लाइंस निवासी अमित शोरेवाल के पिता संक्रमित हो गए। अमित ने विधानसभा अध्यक्ष प्लाज्मा डोनेशन के लिए अनुरोध किया। इस पर उन्होंने पुनीत के कहने पर शुक्रवार को डॉक्टर राहुल से संपर्क साधा। राहुल प्लाज्मा डोनेशन के लिए तैयार हो गया, लेकिन उसने शनिवार को कहा कि प्लाज्मा डोनेशन के लिए 450 रुपये लगेंगे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बताए हुए लिंक पर रुपये ट्रांसफर कर दिए और अमित शोरेवाल का मोबाइल नंबर देते हुए कार भेजी। इस बीच डॉक्टर राहुल ने अमित से भी 450 रुपये ले लिए और रामनिवास गोयल से कहा कि रुपये नहीं पहुंचे हैं। मामला खुलने पर उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने पुलिस से संपर्क साधा। 


Source_Through E. mail


 


 


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