आखिर क्यों रिश्तेदार श्मशान मे बिना अंतिम संस्कार किये बॉडी छोड़ कर भागे………..


उत्तराखंड : – आज वैश्विक महामारी कोरोना जहां आज एक दहशत का रूप ले चुकी है वहीं इस महामारी ने इंसान को अपनो के बीच अपनी असली अहमियत से भी रूबरू करवाया है एक इंसान सारी उम्र अपने परिवार के लिए सबकुछ करता है हर छोटी बड़ी कुर्बानी देता है किन्तु अंतिम समय मे आज जब उसको अपनो के कंघों की जरूरत है तो वो मौत के डर से उसे छोड़ भाग है हैं । बता दें कि आम आदमी में कोरोना इतना हावी हो गया कि रिश्तों की डोर को भी कमजोर कर दिया रिश्तों की असल पहचान कराने का ऐसा ही एक मामला देखने को मिला उत्तराखंड के श्रीनगर मैं सोमवार को मेडिकल कॉलेज में एक कोरना पॉजिटिव बुजुर्ग की मौत के बाद उनके परिजन गायब हो गए।


 


चिता को मुखाग्नि देने के लिए पुलिस मृतक के बेटे और अन्य दो रिश्तेदारों को रिश्तो की दुहाई श्मशान तक ले गए किंतु जैसे ही मृतक के बेटे ने पीपीई किट पहनी बाकी दोनों रिश्तेदार बिना अंतिम संस्कार किये भागते नजर आए ! मृतक को लेकर आये


डॉक्टरों और स्टाफ ने उसका अंतिम संस्कार कराया। प्रोफेसर रावत ने बताया की प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना पॉजिटिव की मौत पर शव डिसइफेकटेड कर परिजनों को सौंप दिया जाता है। प्रशासन का प्रतिनिधि प्रोटोकॉल का पालन कराने को मौजूद होता है। लेकिन इस मामले में अर्थी को कंधा देने से लेकर चिता सजाने तक का काम डॉक्टर को करना पड़ा। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को इस मुश्किल घड़ी में डॉक्टरों और कोरोना योद्धाओं के साथ खड़ा होना पड़ेगा।


Source_ Through whatsapp 


 


 


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