निजी स्कूलों की फीस को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

(विकास गर्ग)


देहरादून। लॉकडाउन काल में निजी स्कूलों में फीस जमा हो या न हो इस मामले में पहले ही दिन से बहस छिड़ी हुई है। अदालती आदेशों के प्रकाश में सरकार ने अंतत: नया जीओ जारी करके निजी स्कूलों के लिए नई एसओपी जारी कर दी है। नए आदेशों के अनुसार मात्र आन लाइन एवं अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कार्य जारी रखने वाले निजी स्कूलों को लाकडाउन अवधि में सिर्फ ट्यूशन फीस मांगने की अनुमति दी गई है। यदि किसी विद्यालय द्वारा अतिरिक्त विषयों का भी आन लाइन अध्यापन कराया जा रहा है तो उस विद्यालय द्वारा अतिरिक्त विषय पढ़ाने का पूर्व निर्धारित शिक्षण शुल्क लिया जा सकेगा।


एसओपी के अनुसार आन लाईन य अन्य माध्यमों से शिक्षण कराए जाने के बावजूद यदि अभिभावक ट्यूशन फीस देने में असमर्थ है तो वे कारणों का उल्लेख करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य या प्रबंण समिति के सामने शिक्षण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग कर सकते हैं। ऐसे आवेदनों पर प्रबंध समिति को सकारात्मक रवैया अपनाते हुए वांछित अतिरिक्त समय अभिभावकों को देना होगा।


 


इसके अलावा कोविड-19 के फल स्वरुप लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि में सरकारी अर्द्ध सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से वेतन प्राप्त करने वह उनकी आजीविका में किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने के कारण ऑनलाइन व अन्य संचार माध्यमों से कक्षाओं का लाभ लेने के फलस्वरूप नियमित रूप से निर्धारित शुल्क जमा करना होगा वही इसके अलावा शासन ने बड़ा आदेश देते हुए साफ कहा कि निजी विद्यालयों द्वारा किसी भी परिस्थिति में इस साल शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी।


Source_newsexpress


टिप्पणियाँ

Popular Post