ट्रम्प ने कहा- सूर्य की रोशनी में 2 मिनट में मर जाता है वायरस


वॉशिंगटन। अमेरिका में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या जल्द ही 9 लाख तक पहुंच सकती है, जबकि सं संक्रमण से 50 हजार के ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी हैं। ऐसे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना संकट से निपटने के लिए लोगों को एक अजीब सलाह दी। दरअसल, गुरुवार को कोरोनावायरस टास्क फोर्स के प्रेजेंटेशन के दौरान वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वायरस सूर्य की रोशनी में 2 मिनट में मर जाता है। इस पर ट्रम्प ने कहा कि ऐसी ही पावरफुल लाइट को मरीजों के शरीर के अंदर पहुंचाया जाए।


ट्रम्प ने आगे इससे भी अजीब सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि शरीर में ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल जैसे क्लीन्जर का इंजेक्शन लगाना चाहिए। दरअसल, अमेरिका में होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के टेक्नोलॉजी डायरेक्टोरेट के प्रमुख बिल ब्रायन ने बताया था कि ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल वायरस को 5 मिनट में और एल्कोहल 30 सेकंड में मार देता है। आइसोप्रोपिल एल्कोहल का इस्तेमाल डिटर्जेंट के साथ ही अन्य रसायन बनाने में किया जाता है।


व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग में वैज्ञानिकों को शर्मिंदा होना पड़ा
ट्रम्प के इन सुझावों की वजह से वैज्ञानिक ब्रायन और टास्क फोर्स के कॉर्डिनेटर डेबोरा बिरक्स को शर्मिंदा होना पड़ा। व्हाइट हाउस में ब्रीफिंग के दौरान जब ब्रायन ने सूर्य की रोशनी से कोरोनावायरस के मरने की जानकारी दी तो ट्रम्प ने कहा, ‘‘अनुमान लगाओ कि तुम यह रोशनी त्वचा या अन्य किसी माध्यम से शरीर के अंदर ले जाओगे, मुझे लगता है तुम इसका भी टेस्ट करोगे।’’ इस पर ब्रायन बिना कुछ बोले आगे की जानकारी देने लगे।


गर्मी से कोरोना के मरने की बात कही थी तो लोगों ने नहीं माना: ट्रम्प
ब्रीफिंग के दौरान मीडिया से बातचीत में ट्रम्प ने कहा कि जब मैनें पहली बार सूर्य की तेज रोशनी और गर्मी में कोरोनावायरस के खत्म होने की बात कही थी तो लोगों ने नहीं माना था। अब उसी बात को ब्रायन ने सबसे सामने सिद्ध करके दिखाया है।


अमेरिका में अब तक 8 लाख 86 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस


दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक एक लाख 91 हजार 74 लोगों की मौत हो चुकी है। 27 लाख 26 हजार संक्रमित हैं, जबकि 7 लाख 49 हजार ठीक हो चुके हैं। महामारी से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 3 हजार लोगों की जान गई और 25 हजार मामले सामने आए। अब तक यहां 8 लाख 86 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आए हैं और 50 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में करीब 2.6 लोग बेरोजगार हो चुके हैं।


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