जनता की जान से बढ़कर कुछ भी नहीं, केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत है: बसपा सुप्रीमों



लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए बसपा केंद्र सरकार के हर फैसले का स्वागत करती है। इसके साथ ही उन्होंने अलग-अलग राज्यों की सरकारों से भी जाति, धर्म व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गरीबों की मदद करने की अपील की है।


मायावती ने शनिवार को किए गए ट्वीट में कहा कि कोरोना वायरस के घातक प्रकोप की वजह से देश में जारी 21 दिवसीय लॉकडाउन की हर स्तर पर गहन समीक्षा करके व व्यापक जनहित का भी पूरा-पूरा ध्यान रखकर यदि केन्द्र सरकार इसे और आगे बढ़ाने का कोई फैसला लेती है तो बसपा इसका स्वागत करेगी।


उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों से भी अपील है कि वे इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में जाति, धर्म व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर व कोई भी फैसला लेते समय खासकर गरीबों, कमजोर तबकों, मजदूरों व किसानों आदि के हितों व इनकी मदद का जरूर ध्यान रखें।


साथ ही, कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझने वाले सभी डॉक्टरों, नर्सों, सफाई व पुलिसकर्मियों तथा अप्रत्यक्ष तौर पर ऐसी देशसेवा में लगे सभी लोगों के हर प्रकार के बचाव व पारिवारिक सुरक्षा आदि के लिए भी केन्द्र व राज्य सरकारों को काफी तत्पर दिखना चाहिए जिससे इन सभी का उत्साह बढ़े।









Mayawati
 

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1. कोरोना वायरस के घातक प्रकोप की वजह से देश में जारी 21-दिवसीय लाॅकडाउन को, इसकी हर स्तर पर गहन समीक्षा करके व व्यापक जनहित का भी पूरा-पूरा ध्यान रखकर यदि केन्द्र सरकार इसे और आगे बढ़ाने का कोई फैसला लेती है तो बी.एस.पी. इसका स्वागत करेगी।



 

















 

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1. कोरोना वायरस के घातक प्रकोप की वजह से देश में जारी 21-दिवसीय लाॅकडाउन को, इसकी हर स्तर पर गहन समीक्षा करके व व्यापक जनहित का भी पूरा-पूरा ध्यान रखकर यदि केन्द्र सरकार इसे और आगे बढ़ाने का कोई फैसला लेती है तो बी.एस.पी. इसका स्वागत करेगी।












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2. लेकिन केन्द्र व राज्य सरकारों से भी अपील है कि वे इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में जाति, धर्म व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर व कोई भी फैसला लेते समय खासकर गरीबों, कमजोर तबकों, मजदूरों व किसानों आदि के हितों व इनकी मदद का जरूर ध्यान रखें।








लेकिन केन्द्र व राज्य सरकारों से भी अपील है कि वे इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में जाति, धर्म व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर व कोई भी फैसला लेते समय खासकर गरीबों, कमजोर तबकों, मजदूरों व किसानों आदि के हितों व इनकी मदद का जरूर ध्यान रखें।



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