लाइसेंस शुल्क के विरुद्ध व्यापारियों ने तीन फरवरी को दून बंद की दी चेतावनी

 




देहरादून/ नगर निगम की ओर से 111 तरह के व्यापार पर लगाए लाइसेंस शुल्क के विरुद्ध व्यापारियों ने आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। व्यापारियों ने बैठक कर तीन फरवरी को देहरादून बंद की चेतावनी दी है। इससे पूर्व व्यापारी सोमवार को नगर निगम में महापौर सुनील उनियाल गामा से भी मुलाकात करेंगे और वहां से राहत नहीं मिली तो बाजार बंद किया जाएगा।लाइसेंस शुल्क के विरोध में शनिवार को दून उद्योग व्यापार मंडल की गीता भवन में बैठक हुई। अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि निगम की लाइसेंस शुल्क की प्रस्तावित नीति का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। महामंत्री सुनील मैसोन ने कहा कि व्यापारी गत दिनों अपनी आपत्ति जताने नगर आयुक्त के पास गए तो उनका कहना था कि मसला सरकार के पास है। नगर निगम इसमें कुछ नहीं कर सकता। यह लागू होकर ही रहेगा। व्यापारी डीडी अरोड़ा एवं बृजलाल ने कहा कि नगर निगम पहले ही भवन कर की दरें बढ़ा चुका है। ऐसे में नए कर थोपकर शहर के हर वर्ग को परेशान किया जा रहा।बड़ी संख्या में व्यापारियों का कहना था कि जब जीएसटी लगाया गया तब सरकार ने बताया कि सभी प्रकार के टैक्स इसमें शामिल कर लिए गए हैं, मगर अब तरह.तरह के टैक्स व्यापारियों पर लगाए जा रहे हैं। व्यापारियों की कमर मंदी से पहले ही टूटी हुई है, ऐसे में लाइसेंस शुल्क आग में घी का काम कर रहा है। राजपुर रोड के व्यापारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि लाइसेंस शुल्क किसी सूरत में नहीं लगने दिया जाएगा।पलटन बाजार से आए विजय कोहली ने कहा कि वकीलों से लाइसेंस शुल्क वापस ले लिया गया है तो फिर व्यापारी को ही क्यों परेशान किया जा रहा है। हाथीबड़कला व्यापार मंडल से आए कुंवर पियूष मौर्या ने कहा कि व्यापार के लिए व्यापारी सरकार से सभी प्रकार के लाइसेंस एवं टैक्स चुका रहे हैं तो फिर नया शुल्क क्यों दिया जाए। अब यह नया टैक्स क्यों दिया जाए। व्यापारियों ने एक स्वर में सड़क पर उतरकर आंदोलन की बात कही।लाइसेंस शुल्क व भवन कर में की जा रही वृद्धि के विरोध में उत्तराखंड क्रांति दल,उक्रांद भी उतर आया है। इसके खिलाफ शनिवार को उक्रांद महानगर इकाई से जुड़े कार्यकताओं ने नगर निगम में प्रदर्शन किया और नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। उक्रांद नेताओं ने कहा कि जनता पहले ही महंगाई की मार झेल रही और व्यापारी मंदी से जूझ रहे हैं। ऐसे में लाइसेंस शुल्क लगाना न्याय संगत नही है। इसका असर जनता पर सीधे पड़ेगा। लाइसेंस शुल्क व हाउस टैक्स वृद्धि वापस लेने की मांग की गई।


 


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