सद्गुरु मधुसूदन साई बोले– यह स्वास्थ्य प्रदाय का केंद्र होगा, केवल उपचार का नहीं
देहरादून :कर्नाटक के बागेपल्ली में 1 सितम्बर 2025 को एक ऐतिहासिक पहल हुई, जब वन वर्ल्ड वन फैमिली मिशन के संस्थापक सद्गुरु श्री मधुसूदन साई ने शाह हैप्पीनेस फाउण्डेशन, संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से भारत के प्रथम ‘अर्जेन्ट केयर सेंटर’ का लोकार्पण किया। यह केंद्र ग्रामीण समुदायों तक बेहतर और समयबद्ध चिकित्सा सेवाएं पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह संस्थान मिशन द्वारा स्थापित किया गया 37वाँ साई स्वास्थ्य आरोग्य केंद्र भी है, जो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर सिद्ध होने जा रहा है।
इस केंद्र के खुलने से बागेपल्ली और आसपास के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को गैर-प्राणघातक बीमारियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा तत्काल उपलब्ध हो सकेगी। वर्तमान में भारत के ग्रामीण रोगियों को स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँचने के लिए औसतन 69 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे में यह अर्जेन्ट केयर सेंटर स्थानीय समुदाय के लिए राहत और उम्मीद का नया स्रोत बनेगा।
शाह हैप्पीनेस फाउण्डेशन से जुड़े डॉ. नितिन शाह ने इस अवसर पर कहा कि स्वास्थ्य सेवा को केवल उपचार तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। इसे विश्वास, समयबद्धता और गरिमा जैसे मानवीय मूल्यों से जोड़ना होगा, ताकि रोगी को बेहतर अनुभव मिल सके।
फाउंडेशन के संस्थापक श्री मनु भाई शाह ने भी इस केंद्र को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिए क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थान केवल रोग चिकित्सा का केंद्र नहीं होगा, बल्कि स्वास्थ्य प्रदाय का स्थान बनेगा। यह भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के अनुभव को एक नया रूप देगा और ग्रामीण समुदायों को सम्मानजनक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगा।
विश्वस्तरीय संसाधनों और आधुनिक सुविधाओं से लैस यह अर्जेन्ट केयर सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और नगरीय चिकित्सालयों के बीच की खाई को पाटने में सहायक होगा। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में समय पर उचित इलाज न मिल पाने से लोग शहरी अस्पतालों की ओर रुख करते हैं, लेकिन यह केंद्र इस समस्या का समाधान साबित होगा।
वन वर्ल्ड वन फैमिली मिशन के सर्वसमावेशी दृष्टिकोण के अनुरूप यह केंद्र ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। सद्गुरु श्री मधुसूदन साई ने कहा कि यह पहल केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य स्वास्थ्य को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना है। इस पहल से ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी और इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचेगा।
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