सद्गुरु मधुसूदन साई ने दिया वैश्विक एकता और शांति का संदेश

 


देहरादून : सत्य साई ग्राम, मुद्देनहल्ली में ‘वन वर्ल्ड वन फेमिली मिशन’ की ओर से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के सहयोग से ‘वन वर्ल्ड वन फेमिली’ विश्व सांस्कृतिक महोत्सव-2025 का शुभारंभ हुआ। यह 100 दिवसीय महोत्सव संस्कृति, अध्यात्म, सेवा और साझा मानवता के उत्सव के रूप में विश्व के 100 देशों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास करेगा।

महोत्सव का उद्देश्य यह संदेश देना है कि परंपराओं और आधुनिकता, धर्मों और संस्कृतियों, सीमाओं और भिन्नताओं के बावजूद पूरा विश्व एक परिवार के रूप में खड़ा हो सकता है। इस अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सहभागी देशों का स्वागत करते हुए आईजीएनसीए के सहयोग से भारत की धरोहर को प्रदर्शित करने वाली विशेष सांस्कृतिक प्रदर्शनी की घोषणा की।

आईजीएनसीए के दक्षिणी क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक महेंद्र डी ने इस पहल को सौहार्द और एकता का प्रतीक बताया। मिशन ‘कर्मयोगी भारत’ के अध्यक्ष और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित सुब्रमण्यन रामदोराई ने महोत्सव के संदेश—देखभाल, सहभागिता, उदारता, सद्भावना और सहयोग—पर बल दिया। कर्नाटक के सीरा से विधायक और दिल्ली स्थित विशेष प्रतिनिधि डॉ. टी. बी. जयचंद्रा ने इसे वैश्विक संस्कृति का उत्सव और सेवा परंपरा का प्रवाह करार दिया।

मुख्य उद्बोधन में ‘वन वर्ल्ड वन फेमिली मिशन’ के संस्थापक सद्गुरु श्री मधुसूदन साई ने संस्कृति को “संयोजन, सरोकार, सहयोग, सहअस्तित्व और सहसृजन” के रूप में परिभाषित किया और विश्व को प्रेम, शांति और एकता की अनुभूति में शामिल होने का आह्वान किया।

समापन अवसर पर श्री सत्य साई मानव अभ्युदय विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और अध्यापकों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति “वंदे मातरम्” दी, जिसने आने वाले दिनों के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान की। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव 2025 मानवता को जोड़ने वाले मूल्यों को उजागर करने और संस्कृति व अध्यात्म के वैश्विक आदान-प्रदान को नई ऊंचाई देने के संकल्प के साथ आरंभ हुआ है।

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