दाफा गांव में आपदा का कहर, प्रशासन ने दिया त्वरित राहत पैकेज
पिथौरागढ़ : जिले में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बरसात के कारण गुरुवार सुबह मुनस्यारी के दाफा गांव में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिसमें सात मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। भूस्खलन की घटना इतनी गंभीर थी कि प्रभावित मकान अब रहने लायक नहीं बचे हैं और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी और पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने दाफा गांव का दौरा कर मौके की स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और राहत एवं पुनर्वास की प्रक्रियाओं की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा में जिन सात ग्रामीणों के मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें तत्काल राहत के रूप में कुल 14 लाख 35 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गई है। प्रत्येक मकान मालिक को यह मुआवजा सीधे उनके खातों में स्थानांतरित किया गया है, ताकि वे जल्द से जल्द अपने पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर सकें।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि दाफा गांव और आसपास के क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भूवैज्ञानिकों की एक विशेषज्ञ टीम को मौके पर भेजा गया है। यह टीम गांव की वर्तमान स्थिति का अध्ययन करेगी और भविष्य में भूस्खलन की संभावनाओं को कम करने के लिए आवश्यक सुझाव देगी। अधिकारियों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश ने न केवल मकानों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि गांव के पास स्थित नहर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस नहर की मरम्मत का काम भी तेजी से शुरू किया गया है, ताकि ग्रामीणों को जलापूर्ति की समस्या से जल्द राहत मिल सके।
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि मुनस्यारी क्षेत्र में स्थित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमों को पूरी तरह से अलर्ट पर रखा गया है। इन टीमों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधनों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराना है।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसको देखते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री, चिकित्सा सेवाएं और आपातकालीन सहायता पहुंचाने की व्यवस्था भी की है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
यह घटना एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं के खतरों को उजागर करती है, जहां लगातार बारिश से जनजीवन, आधारभूत ढांचा और प्राकृतिक संतुलन सभी प्रभावित होते हैं। प्रशासन और राहत एजेंसियां पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द सामान्य जीवन में लौटाने की दिशा में प्रयासरत हैं।
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