अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस : युवाओं के सामने चुनौतियां और समस्याएं


 



(सलीम रज़ा पत्रकार)


हर साल 12 अगस्त को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवाओं के महत्व, उनकी भूमिका और समाज निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1999 में इस दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता दी, ताकि विश्व स्तर पर युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। युवा किसी भी देश की सबसे बड़ी पूंजी और ताकत होते हैं। वे न केवल नई ऊर्जा, जोश और रचनात्मक सोच के स्रोत हैं, बल्कि वे समाज में परिवर्तन और प्रगति के प्रमुख वाहक भी हैं। जिस प्रकार पेड़ की मजबूती उसकी जड़ों और तने पर निर्भर करती है, उसी प्रकार राष्ट्र की मजबूती युवाओं की क्षमता और भागीदारी पर आधारित होती है।

आज के दौर में जब तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक बदलाव तेजी से हो रहे हैं, तब युवाओं की भूमिका और भी अहम हो गई है। वे न केवल भविष्य के नेता हैं बल्कि वर्तमान के सक्रिय परिवर्तनकारी भी हैं। इस दिन का महत्व इस बात में है कि यह युवाओं के अधिकारों, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, पर्यावरण, समान अवसर और सामाजिक न्याय जैसे विषयों को चर्चा के केंद्र में लाता है। संयुक्त राष्ट्र हर वर्ष इस दिवस को एक विशेष थीम के साथ मनाता है, जो उस समय की वैश्विक प्राथमिकताओं और चुनौतियों को दर्शाता है। 2025 का थीम सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में युवाओं की भागीदारी और नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिससे यह संदेश जाता है कि युवा केवल कल के लिए नहीं, बल्कि आज के लिए भी आवश्यक हैं।

हालांकि, युवाओं के सामने कई गंभीर चुनौतियां हैं। रोजगार संकट, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में असमानता, पर्यावरण संकट और सामाजिक असमानताएं उनके मार्ग में रुकावट पैदा करती हैं। बेरोजगारी की समस्या कई देशों में गंभीर है, जिससे युवा वर्ग में निराशा और असुरक्षा की भावना बढ़ती है। सोशल मीडिया और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डाला है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी उनके भविष्य के लिए खतरा बन रही है।

लेकिन इन चुनौतियों के साथ अवसर भी मौजूद हैं। डिजिटल युग ने युवाओं के लिए स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता के नए दरवाजे खोले हैं। इंटरनेट और वैश्विक कनेक्टिविटी ने उन्हें अपनी आवाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का अवसर दिया है। वे अब पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा सुधार, मानवाधिकार और सामाजिक बदलाव जैसे क्षेत्रों में नेतृत्व कर रहे हैं। सही दिशा और समर्थन मिलने पर युवा किसी भी क्षेत्र में असंभव को संभव बना सकते हैं।

सरकार और समाज की जिम्मेदारी है कि वे युवाओं के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार करें, जहां उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास के अवसर, सुरक्षित और स्थिर रोजगार, मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं, खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियों का भरपूर मौका मिले। साथ ही, नीति निर्धारण में युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाए ताकि नीतियां उनके वास्तविक हितों और आवश्यकताओं के अनुरूप बन सकें।

अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस हमें यह याद दिलाता है कि युवा केवल किसी देश का भविष्य नहीं, बल्कि उसका वर्तमान भी हैं। उनकी ऊर्जा, रचनात्मकता और साहस ही किसी भी समाज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि उन्हें सही मार्गदर्शन, पर्याप्त अवसर और उपयुक्त मंच मिले, ताकि वे न केवल अपने सपनों को साकार करें, बल्कि दुनिया को भी एक बेहतर, सुरक्षित और समावेशी स्थान बना सकें। एक सशक्त युवा वर्ग ही एक सशक्त राष्ट्र और उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है, और यह दिन उस दिशा में हमारे संकल्प को मजबूत करने का अवसर देता है।

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