उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सतपाल महाराज के बड़े निर्देश

 


देहरादून :  पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, जलागम एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण को भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल के रूप में इसकी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को देखते हुए "वैदिक पर्यटन विलेज" के रूप में घोषित करने का सुझाव दिया।

बैठक के दौरान मंत्री ने प्रदेश के विभिन्न पर्यटन एवं ट्रैकिंग रूटों पर स्थानीय युवाओं के समूहों को प्रशिक्षण देकर कैंपेनिंग में दक्ष बनाने की योजना पर बल दिया, जिससे पर्यटकों को बेहतर सुविधा के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिल सके। उन्होंने जीएमवीएन और केएमवीएन के शीघ्र एकीकरण की प्रक्रिया पर भी जोर दिया और "मानसखंड मंदिर माला मिशन" की तर्ज पर "केदार खंड मंदिर वाला मिशन" के मास्टर प्लान को तैयार करने के निर्देश दिए।

कांवड़ यात्रा के दौरान अव्यवस्था फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई और नंदा राजजात यात्रा में कुरुड़ को शामिल किए जाने की बात भी उन्होंने कही। यात्रा मार्गों पर शौचालयों की खराब स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्हें आधुनिक तरीके से सुधारने और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के आदेश दिए।

मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शीतकालीन चारधाम यात्रा की तैयारियां पूर्व से की जाएं और उसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो। पर्यटन विभाग के सरकारी आवासों की मरम्मत की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने चारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने की प्रक्रिया प्रारंभ करने को भी कहा। साथ ही कुमाऊं मंडल के पर्यटक आवास गृहों में फास्ट ईवी चार्जर लगाए जाने और राज्य में अवैध रूप से संचालित होटलों और रिसॉर्ट्स के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक के उपरांत पत्रकारों को जानकारी देते हुए मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वर्ष 2025-26 में पर्यटन विभाग में कुल 48,676.05 लाख रुपये की विभिन्न योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। महासू देवता हनोल में 5,240.85 लाख की धनराशि में से 2,246.76 लाख की राशि से VIP लॉन्ज, धर्मशाला, यज्ञशाला, दुकानों और पवेलियन सहित 10 से अधिक निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत 28 मंदिरों का चयन किया गया है, जिनमें पहले चरण में 16 मंदिरों के अवस्थापना विकास हेतु 125.25 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इनमें से 51.14 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और 6 मंदिरों में कार्य प्रारंभ हो चुका है। कैंची धाम परिसर विकास योजना के तहत 40.81 करोड़ की परियोजनाओं पर कार्य तेजी से जारी है। केंद्र सरकार की "चैलेंज बेस्ट डेस्टिनेशन डेवलपमेंट योजना" के तहत 17.59 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है।

नैनीताल-मुक्तेश्वर यात्रा मार्ग की योजनाओं हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केंद्र सरकार से 400 करोड़ की सहायता की अनुशंसा की गई है। "वेड इन उत्तराखंड-2025" प्रोजेक्ट के तहत डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए थानों, टिहरी, त्रियुगीनारायण और ऋषिकेश जैसे स्थलों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रचार से जुड़ी योजनाएं बनाई गई हैं।

बैठक में पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव डॉ. पूजा गर्ब्याल, जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा, बी.एल. राणा, जगत सिंह चौहान, पूनम चांद, योगेंद्र कुमार गंगवार, सुरेंद्र सिंह सामंत, अमित लोहनी, विजय सिंह राणा, सीमा नौटियाल और उत्कर्ष चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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