सूर्यकांत शर्मा ने दी निवेश से जुड़ी अहम सलाह, कहा– अगले एक वर्ष के लिए बनाएं सुरक्षित कोष

 


देहरादून: एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा संस्थान के क्षमता निर्माण एवं कौशल विकास केंद्र के साथ संयुक्त रूप से "वित्तीय शिक्षा एवं निवेशक जागरूकता द्वारा सशक्तिकरण" विषय पर एक महत्वपूर्ण वेबिनार का आयोजन किया गया। यह वेबिनार वर्तमान आर्थिक परिवेश में वित्तीय जागरूकता और निवेशक सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित करता है।

कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता आज के समय में एक अत्यंत समीचीन विषय बन चुका है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल ने हमें अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना कराया है, जिनमें स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक स्थिरता और सशक्तिकरण भी एक प्रमुख चिंता का विषय रहा है। ऐसे समय में जब जीवन अस्तित्व की जटिलताओं से गुजर रहा है, यह वेबिनार वित्तीय जागरूकता को लेकर एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड्स इन इंडिया और संस्थान के कौशल विकास केंद्र की इस पहल की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम आम निवेशकों को सशक्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सूर्यकांत शर्मा, मुख्य सलाहकार, एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड्स इन इंडिया (उत्तर क्षेत्र) तथा पूर्व डीजीएम, सेबी, ने निवेश से जुड़े व्यापक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने वक्तव्य की शुरुआत में चेताया कि आने वाला एक वर्ष आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मासिक आवश्यकताओं के अनुरूप आपातकालीन निधि पहले से तैयार रखनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने फिक्स्ड डिपॉजिट, लिक्विड फंड, शॉर्ट टर्म फंड, अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड जैसे विकल्पों की सलाह दी।

उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी निवेशक के पास अतिरिक्त धनराशि है, जिसकी आवश्यकता अगले तीन से पाँच वर्षों तक नहीं है, तो उसे डेट फंड, लार्ज कैप फंड या बैलेंस फंड में निवेश करना चाहिए। श्री शर्मा ने म्यूच्यूअल फंड्स के विविध स्वरूपों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि साधारण निवेशकों की हर ज़रूरत के अनुरूप उपयुक्त म्यूच्यूअल फंड मौजूद हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की भी चर्चा की, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।

श्री शर्मा ने निवेशकों को चेताया कि भविष्य में ऐसी कई योजनाएं सामने आ सकती हैं जो कम समय में अधिक मुनाफा देने का लालच देंगी। उन्होंने सलाह दी कि किसी भी ऐसी योजना के झांसे में न आएं और सोच-समझकर निवेश करें। लालच में आकर लिया गया निर्णय कई बार भारी नुकसान में बदल सकता है।

कार्यक्रम के अंत में संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संचालन की जिम्मेदारी प्रशिक्षक मंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ने कुशलतापूर्वक निभाई। वेबिनार के दौरान प्रतिभागियों ने भी निवेश संबंधी प्रश्न पूछे जिनका विशेषज्ञों द्वारा संतोषजनक समाधान किया गया। वेबिनार का समापन वित्तीय साक्षरता को अपनाने और सुरक्षित निवेश की दिशा में जागरूक निर्णय लेने की अपील के साथ किया गया।

टिप्पणियाँ