कर्ज के बोझ तले टूटा परिवार: लखनऊ में व्यापारी, पत्नी और बेटी ने दी जान
लखनऊ :राजधानी लखनऊ में एक दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है, जहां कथित तौर पर कर्ज के बोझ से परेशान एक कपड़ा व्यापारी, उसकी पत्नी और नाबालिग बेटी ने सामूहिक रूप से जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह दिल दहला देने वाली घटना लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र के अशरफाबाद इलाके में सामने आई है। पुलिस ने सोमवार को इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि तीनों की मौत हो चुकी है और मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) विश्वजीत श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को जानकारी देते हुए बताया कि मृतकों की पहचान 48 वर्षीय शोभित रस्तोगी, उनकी 44 वर्षीय पत्नी शुचिता रस्तोगी और 16 वर्षीय बेटी ख्याति रस्तोगी के रूप में की गई है। शोभित कपड़े के कारोबारी थे और प्रारंभिक जांच के अनुसार, वह लंबे समय से आर्थिक तंगी और बैंक कर्ज के दबाव में थे। इसी कारणवश उन्होंने यह बेहद कठोर कदम उठाया।
घटना की जानकारी उस समय सामने आई जब ख्याति रस्तोगी ने जहर खाने के बाद अंतिम क्षणों में अपने चाचा को फोन कर इसकी सूचना दी। लेकिन जब तक उनके चाचा मौके पर पहुंचे, स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी थी। आनन-फानन में तीनों को इलाज के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि मौके से सल्फास की एक शीशी बरामद हुई है, जिससे स्पष्ट होता है कि तीनों ने जहर खाया था। डीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है और पुलिस हर पहलु की जांच कर रही है। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, रस्तोगी परिवार शांत स्वभाव का था और किसी को इस प्रकार की घटना की आशंका तक नहीं थी। शोभित का व्यवसाय पिछले कुछ समय से मंदा चल रहा था और वह मानसिक रूप से तनाव में थे। आर्थिक समस्याओं के कारण उन्होंने कई बार घर में चिंता जताई थी, लेकिन परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि बात इस हद तक पहुंच जाएगी।
यह घटना एक बार फिर समाज के उस कड़वे सच को उजागर करती है कि वित्तीय तंगी और कर्ज का बोझ किसी व्यक्ति को किस हद तक तोड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना, परिवार और समाज का सहयोग देना बेहद आवश्यक होता है।
इस त्रासदी ने न केवल एक परिवार को खत्म कर दिया बल्कि आसपास के लोगों को भी सदमे में डाल दिया है। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि व्यापारी पर कितना कर्ज था और किन परिस्थितियों में यह त्रासदी घटित हुई। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या किसी प्रकार का मानसिक दबाव या धमकी जैसी कोई बात इस आत्महत्या के पीछे थी।
पुलिस का कहना है कि घटना को हर पहलु से जांचा जा रहा है और यदि किसी प्रकार की उकसावे की बात सामने आती है तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने एक बार फिर आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सामाजिक जागरूकता और सरकारी स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
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