राशन विक्रेताओं के बकाया लाभांश भुगतान जल्द : रेखा आर्या

 


देहरादून : प्रदेश के हजारों राशन विक्रेताओं के लिए सोमवार को बड़ी खुशखबरी आई है। लंबे समय से लंबित पड़े उनके लाभांश भुगतान की राह अब साफ हो गई है। उत्तराखंड सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कार्य करने वाले राशन विक्रेताओं के बकाया लाभांश के भुगतान के लिए 44 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की है।

राज्य की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि कोविड के समय प्रदेश भर के राशन विक्रेताओं ने दिन-रात मेहनत कर जरूरतमंद लोगों तक अनाज पहुंचाया था। महामारी के उस कठिन समय में इन विक्रेताओं ने न केवल सरकार की योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाया, बल्कि संकट की घड़ी में समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाई।

मंत्री ने बताया कि उस दौरान केन्द्र सरकार की योजनाओं के तहत वितरित किए गए खाद्यान्न पर अंतरराज्यीय परिवहन, लदाई-धराई और वितरण से जुड़े अन्य खर्चों का लाभांश राशन विक्रेताओं को समय पर नहीं मिल पाया था। इस संबंध में राशन विक्रेता संघ कई बार शासन स्तर पर मांग उठा चुका था। रेखा आर्या ने कहा, "हम राशन विक्रेताओं की कठिनाइयों को समझते हैं और हमने स्वयं इस मुद्दे को गंभीरता से लिया। हाल ही में हुई बैठक में विक्रेताओं को आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही उनका बकाया लाभांश उन्हें प्रदान किया जाएगा।"

अब सरकार ने वर्ष 2025-26 के चालू वित्तीय वर्ष में राज्य आकस्मिकता निधि से ₹44,46,21,737.00 (चवालीस करोड़ छियालिस लाख इक्कीस हजार सात सौ सैंतीस रुपए) की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस स्वीकृति के बाद अब जल्द ही राशन विक्रेताओं को उनके हिस्से का बकाया भुगतान किया जाएगा।

रेखा आर्या ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लाभांश का भुगतान पारदर्शी तरीके से और समयबद्ध रूप से किया जाए ताकि राशन विक्रेताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा, "यह केवल एक वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि उन लोगों के योगदान का सम्मान भी है जिन्होंने महामारी के समय समाज की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी।"

गौरतलब है कि उत्तराखंड के सैकड़ों राशन विक्रेता पिछले कई वर्षों से लाभांश भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे थे। कई बार वे अपनी मांगों को लेकर संगठित होकर आंदोलन की चेतावनी भी दे चुके थे। लेकिन अब सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है।इस निर्णय के बाद प्रदेशभर के राशन विक्रेताओं में हर्ष का माहौल है और वे सरकार एवं मंत्री रेखा आर्या का आभार प्रकट कर रहे हैं। सरकार का यह कदम निश्चित रूप से न केवल विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि राज्य की आपूर्ति व्यवस्था में भी स्थायित्व लाएगा।

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