वनाबिल कंपनी के खातों में करोड़ों का लेनदेन, साइबर गिरोह का चेन्नई कनेक्शन उजागर

 


रायबरेली : भारत में सक्रिय एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पाकिस्तान में बैठे सरगना रहीम से जुड़े तीन और साइबर अपराधियों को बुधवार को रायबरेली से गिरफ्तार किया गया है। गिरोह का जाल भारत के अलावा दुबई, नेपाल और पाकिस्तान तक फैला हुआ है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह के खातों में अब तक 907 करोड़ रुपये तक का लेनदेन हो चुका है, जिनमें से अधिकांश राशि साइबर ठगी की है।

गिरफ्तार आरोपियों में चेन्नई और बिहार के निवासी शामिल

अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में चेन्नई निवासी जावेद जलाल, मथीअजागन और बिहार के सिवान जिले के दिलशाद आलम शामिल हैं। आरोपी जावेद जलाल "वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन" नामक कंपनी का निदेशक है, जबकि दिलशाद उसमें काम करता था।

पुलिस ने बताया कि इन अपराधियों को सीज हो चुके खातों को फिर से खुलवाने और जेल में बंद एजेंट संजय पांडेय से पैसों का हिसाब-किताब करने के इरादे से रायबरेली आने पर गिरफ्तार किया गया।

खातों में हुआ करोड़ों का लेनदेन

जांच में पाया गया कि एचडीएफसी बैंक में जावेद की कंपनी के खाते में रायबरेली से कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) के जरिए 2.34 करोड़ रुपये भेजे गए थे, जबकि खाते का कुल लेनदेन 142 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।

इसके अलावा, एक्सिस बैंक के दो खातों में 907 करोड़ रुपये का लेनदेन सामने आया है—इनमें एक खाते में 639 करोड़, और दूसरे में 268 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ है। पुलिस का मानना है कि ये पैसे साइबर फ्रॉड के जरिए हासिल किए गए थे।

महताब के जरिए बन गई ठगों की कंपनी

पुलिस पूछताछ में जावेद ने बताया कि वह और मथीअजागन पहले "निक्सटीजेन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड" नाम की कंपनी में काम करते थे। वहीं उनकी दोस्ती बिहार निवासी महताब आलम से हुई। महताब ने भारी ट्रांजैक्शन में कमीशन का लालच देकर जावेद और मथीअजागन को अपनी कंपनी बनाने को प्रेरित किया, जिसके बाद चेन्नई में "वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन" की स्थापना हुई और ये सभी साइबर ठगों के नेटवर्क से जुड़ गए।

जावेद ने बताया कि रायबरेली निवासी संजय पांडेय एजेंट के तौर पर काम करता था, जो सीडीएम से पैसा कंपनी के खातों में जमा करता था। जब बैंक खाते सीज होने लगे, तो महताब नकद राशि चेन्नई में उपलब्ध कराता था, जिसे आगे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था।

रहीम की तलाश में जुटी पुलिस

इससे पहले अप्रैल 2025 में रायबरेली पुलिस ने संजय पांडेय समेत पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पाकिस्तानी सरगना रहीम से संपर्क पाए गए थे। रहीम भारत में फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक खाते खुलवाकर उनमें ठगी का पैसा मंगवाता था।अब तक चार राज्यों में 162 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी के सबूत मिले हैं और संबंधित बैंक खाते सीज किए जा चुके हैं। मुख्य सरगना रहीम और महताब आलम की गिरफ्तारी के लिए टीमें सक्रिय हैं।

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