ग्राफिक एरा अस्पताल ने दुर्लभ हार्ट केस में हासिल की बड़ी सफलता

 


देहरादून : ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सकों ने एक अत्यंत जटिल और दुर्लभ हृदय रोग के मामले में असाधारण सफलता हासिल की है। बुधवार को अस्पताल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी गई। अस्पताल के विशेषज्ञों ने बताया कि यह केस चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण था, जिसमें एक बार पहले ओपन हार्ट सर्जरी करा चुके 19 वर्षीय युवक की दूसरी बार सफल ओपन हार्ट सर्जरी की गई है।अस्पताल के डीन डॉ. एस.एल. जेठानी ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान में नई तकनीकों और अनुभवी चिकित्सकों के प्रयासों से अब ऐसे मामलों का भी सफल इलाज संभव हो पाया है, जो पहले असंभव माने जाते थे।

पेट में पहुंच गया था दिल का वाल्व


हार्ट सर्जन डॉ. अखिलेश पांडे ने बताया कि यह मामला ऋषिकेश निवासी 19 वर्षीय मोहित से जुड़ा है, जिसने तीन साल पहले ओपन हार्ट सर्जरी कराई थी। उस दौरान उसके दिल का छेद बंद कर आर्टीफिशियल वाल्व लगाया गया था। लेकिन समय के साथ उस स्थान पर संक्रमण हो गया और टांके गल गए, जिससे वाल्व हृदय से निकलकर पेट की नसों में जाकर फंस गया।

डॉ. पांडे ने बताया कि जब मरीज की जांच की गई, तो पता चला कि हृदय में लगाया गया वाल्व अब वहां मौजूद ही नहीं है। सर्जरी के दौरान विशेषज्ञों ने विशेष तकनीक से उस वाल्व को बैलून तकनीक से पेट से खींचकर सीने तक लाया और फिर पुराना वाल्व निकालकर नया वाल्व लगा दिया गया।

सर्जरी के तीन दिन बाद चलने लगा मरीज


यह सर्जरी दूसरी बार ओपन हार्ट सर्जरी के रूप में की गई और ऑपरेशन के महज तीन दिन बाद मरीज चलने-फिरने लगा है। उसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है। ऑपरेशन टीम में डॉ. पुलकित मल्होत्रा (हार्ट सर्जन) और डॉ. एस.पी. गौतम (एनेस्थीसिया विशेषज्ञ) शामिल रहे।

आयुष्मान कार्ड बना सहारा


मरीज मोहित ने बताया कि उसका पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड के माध्यम से कैशलेस हुआ, जिससे उसका परिवार बड़ी आर्थिक परेशानी से बच गया।

विश्व स्तरीय तकनीकों से लैस अस्पताल


अस्पताल के निदेशक डॉ. पुनीत त्यागी ने बताया कि ग्राफिक एरा अस्पताल में विश्व स्तर की चिकित्सा तकनीकें उपलब्ध हैं और यहां ढाई इंच के चीरे से बाईपास सर्जरी की जा रही है। अस्पताल के चिकित्सक पहले भी बिना ऑपरेशन हार्ट के दो वाल्व बदलने, ब्रेन में पेसमेकर लगाने, छोटे बच्चों में तीसरा पेसमेकर डालने, और हड्डी काटे बिना हार्ट सर्जरी जैसे कई जटिल चिकित्सा मामलों में सफलता हासिल कर चुके हैं।पत्रकार वार्ता में सीओओ अतुल बहल, निदेशक अवस्थापना डॉ. सुभाष गुप्ता सहित कई अधिकारी और विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद रहे।

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