"भारत ने कहा – 'आतंक का गढ़ खुद पाकिस्तान है', बलूचिस्तान विस्फोट पर पाक के आरोप खारिज"

 


नई दिल्ली  : भारत ने बलूचिस्तान के खुजदार शहर में हुए आत्मघाती हमले को लेकर पाकिस्तान द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें निराधार, भ्रामक और राजनीतिक रूप से प्रेरित करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक कड़े बयान में कहा कि यह आरोप पाकिस्तान द्वारा अपनी असफलताओं से वैश्विक ध्यान हटाने की एक चालाकीभरी कोशिश है।

क्या है मामला?

बुधवार सुबह बलूचिस्तान के खुजदार शहर में हुए एक घातक आत्मघाती हमले में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन मासूम स्कूली बच्चे शामिल हैं। 35 से अधिक लोग घायल हुए।
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, एक संदिग्ध आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरे वाहन को आर्मी पब्लिक स्कूल के छात्रों को ले जा रही बस में टक्कर मार दी। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

भारत पर लगा आरोप, MEA का पलटवार

हमले के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की सेना और सरकार ने भारत पर आरोप लगाया कि यह हमला भारतीय आतंकवादी प्रॉक्सी के जरिए कराया गया। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान के भीतर “आसान लक्ष्यों” जैसे बच्चों और नागरिकों को निशाना बनाकर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस आरोप का कड़ा खंडन किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक बयान में कहा:

"भारत खुजदार में आज हुई घटना में जानमाल की क्षति पर दुख व्यक्त करता है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा भारत की संलिप्तता को लेकर लगाए गए सभी आरोप निराधार और पूर्णतया अस्वीकार्य हैं। पाकिस्तान के लिए भारत को अपने आंतरिक संकटों के लिए दोष देना एक आदत बन चुकी है। यह वैश्विक समुदाय को भ्रमित करने की एक असफल कोशिश है।"

“आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान, दूसरों पर आरोप लगाना आदत”

जयसवाल ने यह भी कहा कि दुनिया भलीभांति जानती है कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद का गढ़ पाकिस्तान रहा है।

"आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में अपनाने वाले पाकिस्तान को पहले अपने घर में झांकना चाहिए, जहाँ आए दिन निर्दोष लोगों की जान जाती है।"

भारत ने जताया दुख, लेकिन किया पाक के आरोपों का पर्दाफाश

भारत ने इस हमले में मारे गए मासूम बच्चों और नागरिकों की मौत पर शोक जताया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का रवैया दोहरे मापदंड और जवाबदेही से भागने वाला है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से इस तरह का आरोप ऐसे समय में आया है जब देश आंतरिक अस्थिरता, आतंकवादी हमलों, आर्थिक संकट और राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहा है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें पाकिस्तान पर

कई अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने पाकिस्तान के इस आरोप को गंभीरता से लेने से इनकार किया है। उनका मानना है कि जब तक ठोस सबूत सामने नहीं आते, तब तक किसी देश पर सीधा आरोप लगाना अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के मूलभूत सिद्धांतों के विरुद्ध है।

भारत ने पाकिस्तान के इस दुर्भावनापूर्ण आरोप का न केवल कड़ा जवाब दिया है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद का सख्ती से विरोध करता है और निर्दोष नागरिकों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की हिंसा की कठोर निंदा करता है। वहीं, पाकिस्तान पर यह दबाव बढ़ रहा है कि वह अपने घर की सफाई करे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झूठे आरोपों से गुमराह न करे।

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