"जंगल में मिले शव, फार्महाउस में नरसंहार: राजा कलंदर की दहशतनाक दास्तान"

 


लखनऊ  : जिस नाम से रूह कांप जाए, उस दरिंदे का नाम है राजा कलंदर। एक ऐसा नरभक्षी सीरियल किलर, जो सिर्फ हत्या नहीं करता था, बल्कि अपने शिकार के भेजे से सूप बनाकर पीता था। 25 साल पहले शुरू हुई यह खौफनाक कहानी आज न्याय की आखिरी सीढ़ी पर पहुंच गई है। लखनऊ की अदालत ने राजा कलंदर और उसके साले वच्छराज कोल को दोहरे हत्याकांड में दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान शुक्रवार को तय किया है।

एक सामान्य कर्मचारी, लेकिन भीतर छुपा था नरभक्षी

राजा कलंदर कभी नैनी के सीओडी (सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो) में एक साधारण कर्मचारी था। लेकिन उसके भीतर एक पिशाच, एक दरिंदा छुपा बैठा था, जो इंसानों का खून पीता, खोपड़ियां इकट्ठा करता और उनके भेजे का सूप बनाता था।

24 जनवरी 2000: एक रात, दो ज़िंदगियाँ और खामोशी

यह सिलसिला शुरू हुआ 24 जनवरी 2000 को, जब मनोज कुमार और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव लखनऊ से रीवा के लिए निकले। रास्ते में उन्होंने छह अनजान यात्रियों को बिठाया, जिनमें एक महिला भी थी। आखिरी बार उन्हें रायबरेली के हरचंदपुर में देखा गया — उसके बाद वे कभी नहीं लौटे।

तीन दिन बाद, मनोज के पिता ने लखनऊ के नाका थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। लेकिन हफ्तों तक कोई सुराग नहीं मिला। फिर, शंकरगढ़ के जंगलों में दो सड़े-गले शव मिले। जांच ने धीरे-धीरे इस खौफनाक सच की परतें खोलीं।

14 खोपड़ियों का फार्महाउस और नरसंहार का कबूलनामा

जांच के दौरान राजा कलंदर और उसके साले वच्छराज को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में राजा कलंदर ने दुनिया को हिला देने वाला कबूलनामा किया —

"मैं इंसानी खोपड़ियों में शक्तियां देखता हूं। भेजा निकालकर सूप बनाता हूं और पीता हूं।"

उसके फार्महाउस से 14 इंसानी खोपड़ियाँ, हड्डियाँ और खून से सने उपकरण बरामद हुए। पुलिस ने पाया कि वह केवल मनोज और रवि का ही नहीं, बल्कि पत्रकार धीरेंद्र सिंह का भी हत्यारा था।

2013 में शुरू हुई सुनवाई, 2025 में मिला इंसाफ

2001 में चार्जशीट दाखिल की गई थी, लेकिन कानूनी प्रक्रियाओं में उलझन के चलते केस की सुनवाई 2013 में जाकर शुरू हो सकी। अब, 2025 में, 12 गवाहों और ठोस सबूतों के आधार पर अदालत ने राजा कलंदर और उसके साले को दोषी ठहराया है।

सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी:

"यह हत्याएं सिर्फ लूट नहीं, बल्कि सुनियोजित नरसंहार थीं। आरोपी ने न सिर्फ हत्या की, बल्कि शवों के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं।"

अब इंतज़ार है सजा का एलान

अदालत के जज रोहित सिंह ने दोनों आरोपियों को गंभीर धाराओं में दोषी पाया और कहा कि सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा। मृतकों के परिवारों और देश के लिए यह एक लंबे इंतज़ार का अंत है — 25 साल बाद आखिरकार न्याय की जीत हुई।

 

Sources: News 18


Photo&news 18

 

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