गन्ना किसानों की जेब में जल्द पहुंचेगा पैसा, पेराई सत्र 2024-25 से पहले राहत पैकेज जारी
देहरादून : उत्तराखंड के गन्ना किसानों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चार प्रमुख चीनी मिलों को 92.14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे गन्ना किसानों को उनके बकाया गन्ना मूल्य का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित हो सके। यह सहायता आगामी पेराई सत्र 2024-25 को ध्यान में रखते हुए दी गई है, ताकि किसानों को समय पर भुगतान मिले और वे आगामी सीजन में गन्ना उत्पादन के लिए प्रेरित हो सकें।
इस वित्तीय सहायता के तहत बाजपुर, नादेही, किच्छा और डोईवाला चीनी मिलों को क्रमशः 25.98 करोड़, 21.82 करोड़, 21.81 करोड़ और 22.53 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह धनराशि इन मिलों को ऋण के रूप में दी गई है और संबंधित मिल प्रबंधन को सीधे भेज दी गई है।
गौरतलब है कि हाल ही में उत्तराखंड के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए थे। मंत्री बहुगुणा ने कहा था कि किसानों को समय पर भुगतान न मिलने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है, बल्कि गन्ना उत्पादन और आपूर्ति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
इसी क्रम में, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग आयुक्त प्रकाश चंद्र दुम्का ने इन चारों मिलों को ऋण के रूप में यह राशि स्वीकृत करते हुए तत्काल जारी कर दी है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि मिलों के प्रधान प्रबंधक और अधिशासी निदेशक सुनिश्चित करें कि यह राशि गन्ना समितियों के माध्यम से किसानों को जल्द से जल्द और प्राथमिकता के आधार पर वितरित की जाए।
आयुक्त दुम्का ने कहा, "राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह सहायता राशि केवल वित्तीय सहयोग नहीं, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है। समय पर भुगतान से किसानों में भरोसा बढ़ेगा और वे भविष्य में गन्ना उत्पादन के प्रति अधिक उत्साहित होंगे।"
मिलों की स्थिति और सरकार की भूमिका
उत्तराखंड की चीनी मिलें पिछले कुछ वर्षों से वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं। समय पर भुगतान न होने से गन्ना किसानों को कई बार आंदोलन तक करने पड़े। खासकर सार्वजनिक क्षेत्र की डोईवाला और सहकारी क्षेत्र की बाजपुर, किच्छा, नादेही मिलों पर किसानों के करोड़ों रुपये बकाया चल रहे थे। अब सरकार द्वारा ऋण के रूप में दी गई इस राशि से बकाया भुगतान में तेजी आएगी और किसानों को राहत मिलेगी।
किसानों ने जताई संतुष्टि
सरकार के इस कदम पर गन्ना किसानों और उनकी समितियों ने संतोष जताया है। उत्तराखंड गन्ना उत्पादक समिति के अध्यक्ष ने कहा कि लंबे समय से किसानों को उनके मेहनत की पूरी कीमत नहीं मिल रही थी, जिससे उनके ऊपर कर्ज और आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा था। सरकार द्वारा त्वरित कदम उठाकर सहायता राशि जारी करना स्वागत योग्य कदम है।
आगे की रणनीति
राज्य सरकार गन्ना उद्योग को फिर से सशक्त बनाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति पर भी कार्य कर रही है। नई पेराई नीति, तकनीकी आधुनिकीकरण, और मिलों के पुनरुद्धार की योजनाएं भी बनाई जा रही हैं, ताकि भविष्य में किसानों को बार-बार भुगतान संकट का सामना न करना पड़े।
गन्ना किसानों के हित में उठाया गया यह कदम उत्तराखंड सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समय पर भुगतान न केवल किसानों के जीवन को सरल बनाएगा, बल्कि प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी स्थिरता प्रदान करेगा। अब देखने वाली बात होगी कि चीनी मिलें इस राशि का प्रयोग कितनी पारदर्शिता और तत्परता से करती हैं।
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