डॉ. धन सिंह रावत का ऐलान: 180 दिन की कक्षाएं और 75% उपस्थिति अनिवार्य
देहरादून : राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोषणा की है कि अब समर्थ पोर्टल का संचालन स्वयं राजकीय विश्वविद्यालय करेंगे। शासन की भूमिका केवल पोर्टल की निगरानी (मॉनिटरिंग) तक सीमित रहेगी। डॉ. रावत ने यह निर्णय आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया।
डॉ. रावत ने कहा कि पिछले वर्ष समर्थ पोर्टल के संचालन में आई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन केवल पोर्टल को खोले और बंद करने की तिथि तय करेगा, जबकि इसकी संपूर्ण प्रशासनिक जिम्मेदारी अब विश्वविद्यालयों के पास होगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी राजकीय विश्वविद्यालय समयबद्ध ढंग से वार्षिक शैक्षणिक कैलेण्डर तैयार करें ताकि छात्र-छात्राओं को समय पर स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश मिल सके। शैक्षणिक अनुशासन सुनिश्चित करने के लिये विश्वविद्यालयों को एक समान कैलेण्डर अपनाने को कहा गया है।
एक जैसे शैक्षणिक कैलेण्डर पर होगा समन्वय
बैठक में मंत्री डॉ. रावत ने सभी कुलपतियों से आपसी समन्वय के साथ एक समान वार्षिक शैक्षणिक कैलेण्डर तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे प्रवेश, परीक्षा और परिणाम की प्रक्रियाएं सभी संस्थानों में एकसमान रूप से संचालित होंगी। शैक्षणिक कैलेण्डर में कम से कम 180 दिन की कक्षाएं और 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रूप से शामिल की जाएंगी।
रिक्त पदों पर तेजी से होगी नियुक्ति
बैठक में डॉ. रावत ने निदेशक उच्च शिक्षा को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर राजकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य पद की डीपीसी कराई जाए। साथ ही, विभिन्न विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की रिपोर्ट तीन दिन के भीतर शासन को सौंपी जाए।
बैठक में शामिल हुए कई अधिकारी
इस समीक्षा बैठक में सचिव उच्च शिक्षा रणजीत सिन्हा, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, रूसा सलाहकार प्रो. के.डी. पुरोहित, संयुक्त निदेशक प्रो. ए.एस. उनियाल, उप निदेशक डॉ. दीपक पाण्डेय सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। एस.एस.जे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. बिष्ट और निदेशक प्रो. कमल किशोर पाण्डे वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े।
मुख्य बिंदु:
समर्थ पोर्टल का संचालन अब विश्वविद्यालय स्वयं करेंगे
शासन केवल मॉनिटरिंग करेगा
एक समान वार्षिक शैक्षणिक कैलेण्डर अनिवार्य
कक्षाएं 180 दिवस और 75% उपस्थिति आवश्यक
प्राचार्य और असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की जल्द होगी नियुक्ति
यह निर्णय प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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