ये सनातन भारत है कोई मुस्लिम देश नहीं जहां फतवा चलता हो:इमाम इलियासी

 


राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बाधित करने में नाकाम रहा एक वर्ग अब उन लोगों पर निशाना साध रहा है जिन्होंने इस समारोह में हिस्सा लिया था। खासतौर पर ऐसे लोगों पर हमले किये जा रहे हैं जो दूसरे धर्म से ताल्लुक रखने के बावजूद हिंदुओं के लिए सबसे बड़े दिन की खुशी में शरीक हुए। इसी कड़ी में ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के मुख्य इमाम उमर अहमद इलियासी को निशाना बनाया जा रहा है। हम आपको बता दें कि उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग क्या लिया था। कुछ ने उनके खिलाफ फतवा ही जारी कर दिया है। यही नहीं अब उन्हें धमकियां भी दी जा रही हैं,हम आपको बता दें कि इमाम उमर अहमद इलियासी ने बताया है कि घटना के दिन से, उन्हें लोगों के एक वर्ग द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है और ‘फोन पर धमकियां’ भी मिल रही हैं।

इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा है कि फतवा उन्हें ‘सोशल मीडिया पर’ एक व्यक्ति द्वारा जारी किया गया और उसमें उनके मोबाइल फोन नंबर का उल्लेख किया गया था और उसे सभी इमामों और मस्जिद प्राधिकारियों को भेजा गया था और उनसे ‘मेरा बहिष्कार’ करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि फतवे में ‘मुझसे माफी मांगने’ और ‘अपने पद से इस्तीफा देने’ के लिए भी कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने किस बात से प्रेरित होकर फतवा जारी किया, यह तो वे ही जानते हैं .... राम जन्मभूमि (मंदिर) ट्रस्ट ने मुझे एक निमंत्रण भेजा था, जिसे मैंने स्वीकार कर लिया।’’इमाम ने कहा, ‘‘इसके बाद दो दिनों तक मैं सोचता रहा कि मुझे क्या निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा निर्णय था। लेकिन फिर मैंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए, देश के लिए और राष्ट्रहित में सोचा तथा यह निर्णय लिया और अयोध्या गया।’ इमाम ने कहा कि अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उद्देश्य ‘‘पैगाम-ए-मोहब्बत’ देना था, जो मैंने वहां पहुंचाया।’’ इमाम ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। इमाम ने साथ ही कहा है कि यह सनातन भारत है कोई मुस्लिम देश नहीं है।

हम आपको यह भी बता दें कि अयोध्या स्थित नवनिर्मित राम मंदिर में आगामी 14 फरवरी को बसंत पंचमी उत्सव को भव्य स्तर पर मनाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने विभिन्न हिन्दू पर्वों की एक सूची तैयार की है जिन्हें साल की 12 महत्वपूर्ण तिथियों पर मंदिर में मनाया जा सकता है। न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया है कि रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद अब सभी धार्मिक आयोजनों और त्योहारों को हिंदू परंपराओं के अनुसार मनाने की तैयारी की जा रही है। ट्रस्ट ने त्योहारों की एक विस्तृत सूची तैयार की है। उन्होंने बताया कि रामनवमी अयोध्या के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है और उससे पहले बसंत पंचमी का पर्व आता है। यह त्योहार क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। इस दिन सरस्वती पूजा भी होती है। गोविंद देव गिरि ने बताया कि इसके अलावा सीता नवमी, नरसिम्हा जयंती, सावन झूला उत्सव, जन्माष्टमी, विजयादशमी, शरद पूर्णिमा और फिर दीपावली भव्य स्तर पर मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि साथ ही विवाह पंचमी और मकर संक्रांति जैसे त्योहारों को भी भव्यता के साथ मनाया जाएगा।

इस बीच, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के रुके हुए कार्यों को फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। मंदिर के पश्चिमी हिस्से में दो टावर खड़े किये जा रहे हैं। आगामी 15 फरवरी से निर्माण कार्य के लिए श्रमिक भी यहां पहुंचेंगे। इसके लिए निर्माण कंपनी ‘एलएंडटी’ ने भी तैयारी शुरू कर दी है। राम मंदिर निर्माण से जुड़े मार्बल विशेषज्ञ रोहित भाटिया ने बताया कि 15 फरवरी के बाद सभी श्रमिक अपने काम पर लौट आएंगे। राम जन्मभूमि परिसर में लगी मशीनों को दोबारा व्यवस्थित करने का काम शुरू कर दिया गया है ताकि श्रमिकों के आने के बाद काम शुरू हो सके। निर्माण कार्य के लिए लगभग 3,500 श्रमिक को लगाया जा रहा है। न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा, ‘‘मंदिर की पहली मंजिल का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब दूसरी मंजिल और शिखर का काम शुरू होगा। हमने समय पर निर्माण पूरा करने के लिए इसका काम फिर से शुरू करने की तैयारी कर ली है।’’ दूसरी ओर, रामभक्तों का बड़ी संख्या में अयोध्या आना जारी है।

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