नहीं बन पाया सिंगर तो बन गया चरस तस्कर

 


किच्छा : ईश्वर जब इंसान को पैदा करता है तो उसकी हाथों की लकीरों में उसका भाग्य लिख देता है साथ ही उसके अंदर अच्छे और बुरे कामों को पहचानने के लिए समझ और आंखें भी देता है। शायद इंसान अपने भाग्य रेखा के ख्लिाफ चलने की जब जब कोशिश करता है तो उसे निश्चित कठिनाईयों का समामना करना पड़ता है।

6ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है कि एक शख्स कलाकार की तमन्ना पाले हुये था लेकिन कामयाब न हो पाने की वजह से अपराध की दलदल में उतरकर चरस तस्कर बन गया। जी हां छिंदर उर्फ सुखविंदर सिंह ये वही शख्स है जिसे गाने का शौक था। सुखविंदर अपने पैशन को प्रोफेशन बनाने की जद्दोजहद में लगा हुआ था। इसके लिए उसने पंजाब में रह कर गाने लिखे और गाए भी थे । इतना ही नहीं नानकमत्ता के युवक के साथ उसने एलबम भी की पर उसकी आवाज का जादू परदे पर नहीं चला तो वह चरस तस्करी में उतर गया।

लेकिन उसे क्या मालूम था कि उसकी गायकी की तरह नशा तस्करी भी उसे रास नहीं आयेगा और अधूरा गायक सुखविंदर सलाखों के पीछे पहुंच जायेगा। जानकारी के मुताबिक टुकड़ी नानकमत्ता निवासी छिंदर सिंह को गाने का शौक चढ़ा तो वह अपने पैशन को लेकर वर्ष 2018 में पंजाब चला गया था । उसने वहां चार गाने भी गाए, जिसमें से एक है जिन्ना रखदा तू डोलेया दा जोर मुंडेया इन्ना नखरो ते नखरे दा जोर चलदा है।

इसकी एलबम यू.टयूब पर भी डाली। परंतु एक वर्ष टालीवुड में जगह बनाने की आस में खासे धक्के खाए पर गाना गाने के साथ एलबम करने का भी सिला उसे नहीं मिला। हार कर वह 2019 में पंजाब से वापस नानकमत्ता आ गया। इसी दौरान उसकी मुलाकात पहले से ही चंपावत से चरस की तस्करी करने वाले मेजर सिंह उर्फ मैनेजर सिंह के साथ हुई।

छिंदर मेजर सिंह के पैसा कमाने के बताए शार्ट कट के झांसे में आ गया और वह मेजर सिंह के साथ चंपावत से चरस की तस्करी में जुट गया। लेकिन गाने के शौक ने तो उसे सिर्फ घर वापस लौटने पर मजबूर किया पर नशा तस्करी की लत ने उसे जेल सलाखों के पीछे जाने को मजबूर कर दिया।

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