एनआईए कोर्ट से अलगाववादी नेता यासीन मलिक दोषी करार




अलगाववादी नेता यासीन मलिक को एनआइए कोट्र ने टैरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिया है। सासीन मलिक जम्मू.कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) से जुड़ा है।गौरजलब है कि  2019 में केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था, मलिक अभी तिहाड़ जेल में बंद है। आपको बता दें कि यासीन मलिक पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है जिसे उसने कबूल किया था वहीं उस पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण का भी इल्जाम है। मलिक पर 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने जैसे तमाम गंभीर आरोप है। यासीन मलिक ने दिल्ली की अदालत में यूएपीए के तहत दर्ज ज्यादातर मामलों में अपने पर लगे आरोपों को कबूल कर लिया है।जम्मू.कश्मीर के पूर्व डीजीपी डॉ0 एसपी वैद बताते हैं कि 1989 के आखिर व 1990 के शुरूआत में जेकेएलएफ ही एकमात्र आतंकी संगठन था उसी ने पंडितों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया था। यह संगठन कश्मीर की आजादी का नारा देता था जो पाकिस्तान को पसंद नहीं था क्योंकि वह कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता था। जेकेएलएफ की ओर से घाटी के हालात खराब कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान ने हिजबुल को प्रश्रय देना शुरू कर दिया।


इसके बाद जेकेएलएफ ने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया। टेरर फंडिंग से लेकर अन्य आतंकी घटनाओं में शामिल हो गया। जेकेएलएफ आतंकियों ने ही न केवल कश्मीरी पंडितों बल्कि देशभक्त मुस्लिमों पर भी हमले किए थे । उनका कहना है कि यासीन मलिक की सजा से पूरी घाटी में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र(इको.सिस्टम) को जबर्दस्त झटका लगेगा। 

टिप्पणियाँ

Popular Post