शक्तिमान प्रकरण: गणेश जोशी समेत पांच आरोपी दोषमुक्त

 

  


 14 मार्च 2016 को विधानसभा कूच के दौरान गणेश जोशी, योगेंद्र रावत समेत पांच लोगों पर पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग तोड़ने का आरोप था। तब यह मामला सोशल मीडिया पर बेहद चर्चित हुआ था। गणेश जोशी को कुछ वक्त जेल में भी रहना पड़ा था।शक्तिमान प्रकरण में कैबिनेट मंत्री (तत्कालीन विधायक) गणेश जोशी, योगेंद्र रावत समेत पांच आरोपियों को सीजेएम कोर्ट ने बरी कर दिया है। इन सभी पर 14 मार्च 2016 को विधानसभा कूच के दौरान पुलिस के घोड़े की टांग तोड़ने का आरोप था। उक्त घोड़े का नाम शक्तिमान था। तब यह मामला सोशल मीडिया पर बेहद चर्चित हुआ था। तब करीब एक महीने से भी ज्यादा समय शक्तिमान घोड़ा जिंदगी और मौत से लड़ा। इस बीच अमरीका से नकली पैर मंगवाकर भी लगवाया गया था। लेकिन शक्तिमान की जान नहीं बचाई जा सकी।अंत में 20 अप्रैल 2016 को शक्तिमान ने दम तोड़ दिया। इस मामले में तत्कालीन विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद उन्हें कई दिन सुद्धोवाला जेल में भी बिताने पड़े थे।बीते कुछ माह पहले इस मुकदमे को वापस लेने की बात भी सामने आई थी। लेकिन, आज गुरुवार को कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण पांचों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया है। वहीं कोर्ट के फैसले के बाद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बार एसोसिएशन के दफ्तर में मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।14 मार्च 2016 को बजट सत्र के दौरान भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी। इस दौरान पुलिस कर्मियों व भाजपा समर्थकों के बीच झड़प भी हुई थी। आरोप है कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीनकर उन्हीं पर बरसाना शुरू कर दिया।लाठी की कुछ चोटें पुलिस के घोड़े शक्तिमान को भी आईं, जिसके चलते वह घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। इस सिलसिले में पुलिस ने जोशी के खिलाफ बलवे और मारपीट के अलावा पशु क्रूरता अधिनियम का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सीबीसीआईडी जांच के आदेश भी दिए गए थे।इधर, भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद तमाम भाजपाइयों पर दर्ज मुकदमों की वापसी का क्रम शुरू हुआ, जिसमें शक्तिमान प्रकरण की फाइल भी चली थी।



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