चारधाम यात्रा: सरकारी सिस्टम की अधूरी तैयारियों से श्रद्धालु परेशान, कोलकाता से आए दो दर्जन यात्री लौटे वापस

 


  सरकारी सिस्टम की आधी-अधूरी तैयारी के कारण चारधाम यात्रा पर आए सैकड़ों श्रद्धालु बुधवार देर रात से बड़कोट दुबाटा में परेशान हैं। श्रद्वालुओं ने सरकार की आधी-अधूरी तैयारियों पर नाराजगी जताई है और वापस लौट जाने की बात कही है।जानकारी के मुताबिक इन यात्रियों के पास ई-पास व वैक्सीनेशन का प्रमाण है, लेकिन यहां आकर पता चला कि देवास्थानम बोर्ड का पास भी जरूरी है। वहीं जब इन्होंने देवास्थानम बोर्ड का पास बनाने के लिए वेबसाइट पर विजिट किया तो नेटवर्क न होने के कारण वह पास नहीं बना पाए।इधर, एसडीएम शालिनी नेगी ने बताया कि नेटवर्क के कारण आ रही दिक्कत को देखते हुए मैनुअली पास जारी कर कोविड गाइड लाइन के अनुरूप यात्रियों को यमुनोत्री भेजा जा रहा है।

यमुनोत्रीधाम की बुकिंग अक्तूबर तक फुल


वहीं देवास्थानम बोर्ड की साइट पर यमुनोत्रीधाम की बुकिंग अक्तूबर तक फुल दिखा रही है और यात्री यहां सड़कों पर ई-पास व कोरोना वैक्सीन की पर्ची लेकर घूम रहे हैं। इसी वजह से कोलकाता से आए दो दर्जन यात्री वापस लौट गए हैं।


ऋषिकेश: 10 सिक्ख यात्रियों को आरटीओ ने रोका


हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले 10 यात्रियों को कोविड-19 की दोनों वैक्सीन लगने के बावजूद भी यात्रा पर जाने से रोक दिया गया है। जिससे यात्रियों ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा ऋषिकेश प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह के प्रयास के बाद यात्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुए।बुधवार को अमृतसर से सेना के जवान एक गुरुविंदर सिंह के साथ 10 यात्रियों का दल हेमकुंड गुरुद्वारा के दर्शन के लिए ऋषिकेश से रवाना हुआ। सेना के जवान और दल के सदस्यों को तपोवन चैक पोस्ट पर आरटीओ विभाग ने रोक दिया। दल ने हेमकुंड गुरुद्वारे ऋषिकेश के प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह को इसकी सूचना दी।प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह के प्रयास के बाद यात्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुए। प्रबंधक ने कहा कि कोविड-19 रिपोर्ट में थोड़ा मतभेद हो रहा था। पंजाबी भाषा होने के कारण उसका अनुवाद नहीं कर पा रहे थे। जिसके चलते ऐसी परेशानी हुई। लेकिन अब सब ठीक है। कहा 18 सितंबर से आज तक लगभग साढ़े चार सौ यात्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हो चुके हैं।



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