पेट भरने के लिए अपना क़ीमती सामान बेचने के लिए सड़कों पर उतरे अफगानी

 

 



अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां के लोगों का हाल-बेहाल हो गया है। गरीब और पैसे की किल्लत ने काबुल के लोगों का जीवन दुभर कर दिया है। अग्रेंजी अखबार TOI के मुताबिक, तालिबान के कब्जे ने कई नागरिकों को गंभीर गरीबी और बेरोजगारी की ओर धकेल दिया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे कई अफगानों को पैसे कमाने के बदले अपना क़ीमती सामान बेचने के लिए सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ रहा है।एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी या निजी क्षेत्र में काम करने वाले अफगानी रातों-रात बेरोजगार हो गए है।अपना पेट भरने के कारण लोग सस्ते दामों पर अपना सामान बेच रहे है।काबुल के एक दुकानदार लाल गुल को अपना पेट भरने के लिए रेफ्रिजरेटर को उसकी मूल कीमत से आधी कीमत पर बेचना पड़ा रहा है। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए  लाल गुल ने बताया कि, “मैंने अपनी वस्तुओं को उनके मूल्य से आधे से भी कम पर बेचा। मैंने 25,000 अफगानियों के लिए एक रेफ्रिजरेटर खरीदा और उसे 5,000 में बेच दिया। मुझे क्या करना है? मेरे बच्चों को रात में खाना चाहिए।” रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन सेट, सोफा, अलमारी से लेकर हर दूसरे घरेलू फर्नीचर तक, काबुल की सड़को पर घरेलू समानों की कतारें देखने को मिल रही है। अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए अफगानों को अपना सबकुछ बेचना पड़ रहा है। काबुल में एक पूर्व पुलिस अधिकारी मोहम्मद आगा काबुल के मार्केट में पिछले 10 दिनों से उसी बाजार में काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि, मुझे मेरा वेतन नहीं दिया। अब, मेरे पास नौकरी नहीं है। मैं क्या करू?" जानाकरी के लिए बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख टोनियो गुटेरेस ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त होने से बचाने के लिए तालिबान के साथ जुड़ने का आह्वान किया।

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