उत्तराखंड: कांग्रेस में फेरबदल के बाद भी सुलग रही विरोध की चिंगारी

 


  आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा चुनावी फेरबदल कर सबको खुश करने की पूरी कोशिश की, लेकिन फिर भी विरोध से सुर उठ रहे हैं।पहले धारचूला विधायक हरीश धामी द्वारा चुनाव कमेटी की कुछ नई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी देने की चर्चा थी और अब कांग्रेसी नेता हरीश धामी के बाद अब विकासनगर के पूर्व विधायक नवप्रभात ने भी इस फेरबदल का विरोध जताया है।विकासनगर के पूर्व विधायक नवप्रभात की नाराजगी बरकरार है। नवप्रभात को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। अमर उजाला से फोन पर हुई बातचीत में नवप्रभात ने बताया कि जब चुनाव किसी चेहरे को सामने रखकर लड़ा जाना है तो मेनिफेस्टो बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होनी चाहिए। उन्होंने मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष पद अस्वीकार किए जाने के संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है।प्रतिपक्षवहीं अब धारचूला विधायक हरीश धामी का कहना है कि मेरी किसी से कोई नाराजगी नहीं है और न ही मैंने पार्टी छोड़ने का कोई बयान दिया है। हम ने जो मांगा था वह हमें मिल गया है।कहा कि हम 2022 मैं हरीश रावत के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहते थे। अध्यक्ष पद पर किसी ब्राह्मण नेता की नियुक्ति के साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को बनाए जाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ पदों पर जरूर ऐसे लोगों की नियुक्ति कर दी गई है जो नहीं की जानी चाहिए थी। इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जरूर नाराजगी है।


राहुल गांधी से मिले गणेश गोदियाल


वहीं उत्तराखंड कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल शुक्रवार को राहुल गांधी से मिले। उनके साथ पार्टी प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी मौजूद रहे। राहुल गांधी ने गणेश गोदियाल को शुभकामनाएं दीं।

खेमे, जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने का भी प्रयास


कई बैठकों के बाद आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने  2022 के विधानसभा चुनाव अभियान के लिए गुरुवार को अपनी सेना का एलान कर दिया। कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस के एक प्रदेश अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फार्मूले को उत्तराखंड में लागू किया है।उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव कमेटी की कमान सौंपकर पार्टी ने भविष्य की संभावनाओं की ओर भी इशारा किया है।पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जहां हरीश रावत खुश किया गया तो वहीं कुमाऊं से भुवन कापड़ी और तिलक राज बेहड़ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदा हुए प्रीतम सिंह को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है।गढ़वाल से पूर्व विधायक प्रो. जीत राम को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया तो वहीं रंजीत रावत को भी यह अहम जिम्मेदारी मिली। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कांग्रेस समन्वय समिति की कमान सौंपी गई। इसी तरह नव प्रभात, प्रदीप टम्टा, नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश को भी महत्व दिया गया।


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