पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा, फांसी से हुई थी साक्या एकेडमी के शिक्षक की मौत



साक्या एकेडमी में शनिवार को फंदे से लटके मिले शिक्षक का सोमवार को पोस्टमार्टम किया गया। नेपाल से शिक्षक के स्वजनों का अनुमति पत्र आने के बाद चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई की। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी बताया गया है।




 


देहरादून /  साक्या एकेडमी में शनिवार को फंदे से लटके मिले शिक्षक का सोमवार को पोस्टमार्टम किया गया। नेपाल से शिक्षक के स्वजनों का अनुमति पत्र आने के बाद चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई की। पुलिस के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी बताया गया है। शव को साक्या एकेडमी भेज दिया गया है। वहां पर उनकी प्रथा के अनुसार शिक्षक का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उधर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने जिलाधिकारी को एकेडमी का निरीक्षण कर कार्रवाई करने के बाबत पत्र लिखा है और 15 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।


आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि उनकी ओर से 30 अक्टूबर को एकेडमी का निरीक्षण किया गया था। वहां 15 छात्रों के साथ मारपीट होने की खबरें इंटरनेट मीडिया में वायरल हुई थी। नेपाल दूतावास की ओर से भी इसका संज्ञान लिया गया था। निरीक्षण के दौरान एकेडमी में कई चौकाने वाली बातें सामने आई हैं। इसमें एकेडमी से 213 छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिसमें अधिकांश छात्रों के आधार कार्ड देहरादून की पते पर बना दिए गए हैं। जबकि छात्रों को शिक्षा ग्रहण के लिए नेपाल से यहां लाया गया है।



 

उन्होंने बताया कि सभी छात्रों के नेपाली नाम के अलावा बौद्ध मठ का अलग से नाम दिया गया है। यह जांच करना आवश्यक है कि बनाए गए आधार कार्ड में कौन से नाम दर्ज किए गए हैं। एकेडमी में छात्रों के साथ पिटाई की घटना 25 अक्टूबर की शाम को हुई थी, जबकि निरीक्षण की तिथि तक छात्रों को प्राथमिक उपचार भी नहीं दिया गया था। घटना के बाद सात बच्चे एकेडमी भाग गए, जिनमें से चार नेपाल और तीन बनबसा पहुंच गए। इसके बावजूद एकेडमी की ओर से बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट क्यों दर्ज नहीं कराई गई। नेपाल के बच्चों को बोर्डिंग में रखने की सूचना नेपाली दूतावास को भी नहीं दी गई, जबकि नियमानुसार संबंधित दूतावास को सूचना दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने पत्र में कहा है कि शिक्षक की मौत के बाद भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा कि एकेडमी संचालकों को शक था कि उसी शिक्षक ने छात्रों को उकसाया था। मृतक शिक्षक पर शक था कि नेपाल में वायरल हुई फोटो भी उन्हीं के मोबाइल से वायरल की गई।





जिला प्रोबेशन अधिकारी ने एकेडमी में की पूछताछ


एकेडमी की मान्यता की जांच करने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट भी साक्या एकेडमी पहुंची। इस दौरान उन्होंने कुछ छात्रों व एकेडमी प्रबंधन से बातचीत की। उन्होंने एकेडमी की मान्यता संबंधी दस्तावेज भी मांगे। उन्होंने बताया कि दस्तावेजों की जांच की जाएगी कि किस स्तर पर एकेडमी को संचालन करने की अनुमति दी गई है।


Source: जेएनएन



 


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