भारतीय सेना और अवाम के बीच की दूरियों को पाटने का हो रहा प्रयास


युवाओं को गुमराह होने से बचाने के लिए सेना ने नया रास्ता अपनाया है। युवाओं और सेना के बीच रिश्ते बेहतर हों इसके लिए सेना ने बंद दरवाजों को खोलना शुरु कर दिया है।



 


श्रीनगर /  कश्मीर घाटी के लोगों को आतंक की राह की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए भारतीय सेना लगातार काम कर रही है। सितंबर के माह में सेना कश्मीर में परिजनों को विश्वास में लेकर सुनिश्चित कर रही थी कि युवाओं को राह भटकने से रोका जाए। इस रणनीति के तहत सेना मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों के परिजनों के बारे में सारी जानकारी एकत्रित कर उन तक पहुंच रही है और उन्हें समझाने की कोशिश करती है और अब सेना ने अवाम के बीच की दूरियों को पाटने के लिए नया अभियान शुरू किया है।  



 


एक हिन्दी समाचार पत्र के मुताबिक युवाओं को गुमराह होने से बचाने के लिए सेना ने नया रास्ता अपनाया है। युवाओं और सेना के बीच रिश्ते बेहतर हों इसके लिए सेना ने बंद दरवाजों को खोलना शुरु कर दिया है। सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बताया कि हम अलग-अलग अभियानों के जरिए युवाओं तक पहुंच रहे हैं और यह कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी वजह से आतंकवादियों की भर्ती न बढ़े।


दरअसल, सेना कश्मीर ने युवाओं को कंपनी ऑपरेटिंग बेस का दौरा कराया। इसके साथ ही उन्होंने कैंट की ऊंची-ऊंची दीवारों के पीछे क्या है यह भी बच्चों को दिखाया। ताकि सेना और युवाओं के बीच की दूरियों का पाटा जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम सेना और अवाम के बीच के अवरोध को समाप्त करना चाहते हैं। उन्होंने आगे बीबी कैंट में बच्चों के दौरे की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि ऊंची-ऊंची इमारतों के पीछे क्या है। हम बच्चों को अंदर लेकर आए और उनसे बातचीत की। 


दक्षिणी कश्मीर को देखने वाली सेना की विक्टर फोर्स की जीओसी मेजर जनरल रश्मि बाली ने जानकारी दी कि सेना ने युवाओं को कंपनी ऑपरेटिंग बेस का दौरा कराना शुरू किया है। ताकि यह लोग सेना को और करीब से जान सकें और दूरियां न रहे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल अभी तक 134 युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता चुना और उसकी तरफ आगे बढ़ें हैं। जिनमें से 62 मारे गए, 14 को सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया। जबकि 3 ने आत्मसमर्पण किया।


Source:Agency News



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