दो महीने में प्रवासी मजदूरों को सरकार बांट पाई केवल 13 % अनाज…


लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के सामने सिर्फ रोजगार का ही संकट नहीं था,बल्कि उनके सामने गृहराज्य वापस लौटना, परिवार वालों के लिए खाना उपलब्ध कराना और भी बड़ा संकट था। ऐसे में केंद्र सरकार ने आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज के तहत करीब 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत देने की घोषणा की,घोषणा के मुताबिक सभी प्रवासी मजदूरों को (बिना राशन कार्ड वाले भी) मई-जून महीने के लिए निशुल्‍क अनाज उपलब्‍ध कराने की बात कही गई,केंद्र सरकार ने तय किया कि घर लौटे सभी प्रवासी मजदूरों के लिए 5 किलो प्रति व्यक्ति चावल/गेहूं और 1 किलो चना मुफ्त दिया जाएगा,इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए 8 लाख मीट्रिक टन अनाज आवंटित किए।


हालांकि उपभोक्ता मामले,खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने डेटा में बताया है कि राज्य सरकार की तरफ से पिछले दो महीनों में प्रवासी मजदूरों को मिलने वाले अनाज का 13 प्रतिशत अनाज ही खपत किया गया है।


मंत्रालय ने अपने डेटा में बताया है कि आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज के तहत बिना राशन कार्ड वाले आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को मई और जून महीने में पांच-पांच किलो अनाज देने को कहा गया था,लेकिन अब तक मात्र 2.13 करोड़ मजदूरों को ही इसका लाभ मिल सका है। मई महीने में 1.21 करोड़ लोग और जून में 92.44 लाख लोगों ये योजना का लाभ लिया है।


इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 मई को घोषणा करते हुए कहा था कि सभी प्रवासी मजदूरों के लिए (जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं वो भी) 5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो चना दो महीने तक मिलेगा,केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना के लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।


मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक सभी 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने अब तक 6.38 लाख मीट्रिक टन अनाज ही उठाए हैं,जो कि केंद्र सरकार द्वारा आवंटित आठ लाख मीट्रिक टन अनाज का 80 प्रतिशत है,हालांकि लोगों के बीच वितरण महज 1.07 लाख मीट्रिक टन ही हुआ है जो केंद्र सरकार द्वारा आवंटित कुल अनाज का मात्र 13 प्रतिशत है।डाटा में बताया गया है कि कई राज्यों ने दो महीने के लिए तय कोटा के तहत पूरा अनाज उठा तो लिया लेकिन अब तक बांटा नहीं है,कम-से-कम 26 प्रदेशों ने केंद्र से अपने कोटे का 100 प्रतिशत अनाज ले लिया है लेकिन इनमें से किसी राज्य ने अब तक सभी प्रवासी मजदूरों को पिछले दो महीने के लिए आवंटित अनाज नहीं दिया है।


उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से 1,42,033 मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया गया था, जिसमें प्रदेश ने 1,40,637 मीट्रिक टन उठा लिए हैं लेकिन मई महीने में 4.39 लाख जरूरतमंदों और जून महीने में 2.25 लाख लोगों तक मात्र 3,324 मीट्रिक टन अनाज पहुंचाया गया है. यानी अब तक मात्र 2.03 प्रतिशत अनाज का ही आवंटन हो सका है।


बिहार सरकार ने भी अपने कोटे का 100 प्रतिशत अनाज (86,450 मीट्रिक) उठा लिया है. लेकिन अब तक केवल 3.68 लाख जरूरतमंदों तक 1.842 मीट्रिक टन अनाज का ही खपत हुआ है. यानी मात्र 2.13 प्रतिशत अनाज ही वितरित किया गया है. ये आंकड़ा मई महीने का है. जून महीने में किसी को अनाज नहीं दिया गया है।


वहीं 11 प्रदेशों ने जितना अनाज उठाया था उसका एक प्रतिशत भी लोगों के बीच वितरित नहीं किया है।ये राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा।


Source :Agency news


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