बिहार में बाढ़ से भारी तबाही,असम में 110 की मौत…


बिहार और असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है,यहां लाखों की संख्या में लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।बाढ़ में डूबे गांवों के लोगों को इसका कोई अंदाजा नहीं है कि बाढ़ का पानी कब तक उतरेगा,इन लोगों को रोज सांप बिच्छू जैसे जहरीले जानवरों का सामना करना पड़ रहा है,साथ ही पानी जम जाने से बीमारी पनपने का भी डर है।बिहार और असम में बाढ़ आई तो बीमार होने पर अस्पताल जाने के लिए नाव ही सहारा है,आलम ये है कि लोगों को पीने का साफ पानी तक नहीं मिल रहा है।


गोपालगंज में गंडक नदी तबाही लेकर आई है,यहां पक्के मकान डूब गए, झोपड़ियां बह गई हैं,यहां सदर और मांझागढ़ प्रखंड के कई गांवों में लोग पीने के पानी और दवा को तरस रहे हैं। खगड़िया के किसानों की मेहनत पानी में बह गई।खून-पसीने की कमाई आंखों के सामने डूबने लगी।धान और मूंग की फसल जलमग्न हो गई,कोसी नदी ने सबकुछ चौपट कर दिया।


बिहार के 8 जिलों में तबाही


सुपौल में कोसी नदी के साथ-साथ नेपाल से बहकर आनेवाली तिलयुगा नदी भी आखें दिखाने लगी है।सड़कें पानी में बह गई हैं,सैलाब से बिहार के 8 जिलों में तबाही मची है।दरभंगा,खगड़िया, सीतामढ़ी,मुंगेर,छपरा,मधुबनी,मधेपुरा और मुज़फ्फरपुर में सबकुछ जलमग्न है।


मानसून आते ही बिहार की नदियां अपनी सीमाएं तोड़ने लगती है क्योंकि इनको सीमा में रखने के लिए प्रशासन का इंतजाम कभी होता ही नहीं।नेपाल में भारी बारिश की वजह से दरभंगा में बागमती नदी उफान पर है,बाढ़ के पानी से दरभंगा का कुशेश्वर स्थान का इलाका समंदर बन गया,वहीं कमला बलान नदी भी रौद्र रूप दिखा रही है।


बिजली गिरने से 160 से ज्यादा मौतें


बिहार में रविवार को बिजली के गिरने से पूर्णिया जिले में 3, बेगूसराय में 2 तथा पटना, सहरसा, पूर्वी चम्पारण, मधेपुरा एवं दरभंगा में 1-1 व्यक्ति की मौत हो गई. बीते तीन हफ्ते में बिजली गिरने के कारण राज्य में 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई।


Source :Agency news 


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