EXCLUSIVE NEWS: कोरोना में सेक्स वर्कर्स बेहद मुश्किल दौर में, कई अपने गृह राज्यों को लौटी.!


देहरादून/ देश व दुनिया में जब से कोरोना वैश्विक महामारी के संकट हर तरफ छाया है। हर किसी घुटने टेक दिये इस कोरोरा वायरस के चलते। वही इस कोरोना महामारी के चलते हर किसी का रोजगार बंद हो गया और कई लोगों के खाने के लाले पड़ गये है। वही हम बात करे अगर देश भर में सैक्स वर्कर्स इनके हाल पर कोई इस वक्त देखने वाला नही है। महामारी के संकट से ये सैक्स वर्कर्स तो इस कदर परेशान हो गये है। मानों इस दुंनियां में इंन्हें कोई जानता व पहचनता न हो। वही आपको बता दे कि देशभर में देह व्यपार का धंधा बड़े खुले आम होता है। जिसमें से सोनागाछी एक ऐसी जगह जो सिर्फ पूरे एशिया में सबसे ज्यादा सेक्स वर्कर रहती है भारत के कोलकाता का सोनागाछी में प्रसिद्ध है। यहाँ साल में सैकड़ो विदेशी सैलानी घूमने आते है क्योकि इस एशिया का सबसे बड़ा देह व्यपार का गढ़ माना जाता है। वही जिसमें सूत्रों की माने तो इस देह व्यपार के धंधे की जगह किसी ज़माने में राजा महराजाओं के मनोरंजन और नृत्य कला की नगरी थी। लेकिन किस अभिशाप ने इस सोनागाछी को अपने में घेरे में ऐसा लिया की आज यह एशिया की सबसे बड़ी बदनाम गलियो में से एक नंबर बन गई।


वही सूत्रों के अनुसार आपको बता दे कि कोलकाता का सोनागाछी एक ऐसा इलाका जहाँ पर देह व्यपार का धंधा बड़े खुले आम होता है इस पूर क्षेत्र की अगर बात करे तो यहाँ पर कुल अनुमान के मुताबिक यहां कई बहुमंजिला इमारते हैं। और जहां करीब 11,000 वेश्याएं सैक्स वर्कर्स में लिप्त हैं। वही सूत्रों के मुताबिक कोलकाता में इस क्षेत्र का यह पूरा इलाका एक झुग्गी में तब्दील है यहाँ पर करीब 12,000 लड़कियां सेक्स व्यापार में जुड़ी हुई हैं। वही जिसमें देह व्यपार के धंधे को चलाने के लिए सोनागाछी में अलग-अलग गट मतलब स्थानी गुंडे भी जुड़े हुए है जो सैक्स वर्कर्स के लिए काम करते है। वही जिसमें सूत्र बताते है कि अगर इस सोनागाछी के दलदल में जो कोई लड़की एक बार फंसी तो उसे वापस आना नामुमकिन होता है।


वही हम अब बात करते है कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते पीछले चार महिनो से पहले 22मार्च 2020 लॉकडाउन और जून/जुलाई 2020 से unlock के चलते हर किसी के काम धंधे चौपट हो गए। वही जिसमें इसका असर सेक्स वर्कर्स पर भी पड़ा ये भी इस वायरस से अछुते नही है। वही आपको बता दे कि देशभर के रेड एलार्ड इलाकांे में पीछले चार महिनों से ग्राहकों के नहीं आने से सेक्स वर्कर्स बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही हैं। इस कोरोना महामारी के चलते अब सेक्स वर्कर्स के खाने तक को नहीं है और भूखे मरने की नौबत हैं वही जिसमें इस समय सेक्स वर्कर्स का कहना है कि अब तो दो वक़्त का खाना भी वह नहीं जुटा पा रही हैं।


जिस कारण कोरोना कोविड-19 के भयावह बीमारी के डर से ग्राहक नहीं मिल रहे जिसका असर हम पर सीधा पड़ रहा है। यही नही सेक्स वर्करो के बच्चों पर भी इस परेशानी के बीच बुरा असर पड़ रहा है। देह व्यापार के नर्क में पड़ी माहिलाओं के बच्चे स्कूल जाने के साथ खाने पीने व दवादारू के बिना एक खोली में ही तड़प रहे है। इन्हों कोई देख भाल व मदद नही मिल रही है। साथ ही इनके बीच अगर कोई अन्य बीमारी से पीड़ित भी हो तो इस वक्त अस्पतालों में इन्हें देखे व इलाज करनो वाला भी भर्ती नही कर रहे है। और नही ही डाॅक्टर अपने क्लीनिक पर इलाज कर रहे है। चारो ओर से इन पर कोरोना की मार पड़ रही है।वही जिसमें सूत्रों की माने तो अन्य कई यौनकर्मी भी ऐसी ही बेबसी की शिकार हैं। जबकि आपको बता दे कि ये सभी यौनकर्मी ,दिल्ली या अन्य शहरों के बने जीबी रोड पर रहती हैं जहां करीब 100 से अधिक वेश्यालय हैं। जिसमें इनमें करीब 1500 यौनकर्मी रहती हैं।


वही हम अब बात करते है कोरोना वायरस के बीच दिल्ली में परेशान सेक्स वर्कर्स की आरएसएस ने मदद की है। दिल्ली की कई सेक्स वर्कर्स कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण आजीविका के साधन खत्म होने के कारण बेरोजागरी व भुखमरी की कगार पर आ गईं हैं। वही इस स्थिति को देखते हुए कई सैक्स वर्कर्स अंतत जिसमें से 60 फीसदी से अधिक अपने गृह राज्यों को लौट गईं हैं।



वही दुसरी ओर सूत्रांे के अनुसार इस कोरोनो कोविड-19 के बीच आपको बता दे कि वैज्ञानिकों का कहना है कि लोग सेक्स वर्कर्स के पास न जाएँ। वही जिसमें इस दौरान रेड लाइट एरिया में सेक्सुअल एक्टिविटीज़ न हों। फिर तो कोरोना वायरस को कुछ हद तक काबू में पाया जा सकता है। लेकिन ये दावा वैज्ञानिकों का है कि भारत कोविड.19 का टीका विकसित होने तक रेड लाइट एरिया को बंद कर संक्रमण के 72 प्रतिशत मामलों को रोक सकता है। वही जिसमें सूत्रो के मुताबिक एक अध्ययन के मुताबिक लॉकडाउन में ढील के बाद इन इलाकों में यौन गतिविधियों को रोक कर भारत कोविड.19 से होने वाली मौतों में 63 प्रतिशत तक कमी ला सकता है।


वही जिसमें सूत्रो की माने तो राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन एनएसीओ के मुताबिक देशभर में करीब 6,37, 500 यौन कर्मी हैं। और जिसमें से करीब 5 लाख ग्राहक रोजाना रेड लाइट एरिया में आते हैं। तो इस रिसर्च में कहा गया है कि अगर कोविड.19 का प्रभावी इलाज या टीका विकसित होने तक रेड लाइट एरिया को बंद रखा जाता है तो भारतीयों को संक्रमण होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।


वही जिसमें आपको बता दे कि देशभर के यौन कर्मियों के लिए कानूनी अधिकार, स्वास्थ्य तथा सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर काम करने वाले समूह ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स ;एआईएनएसब्लयू की अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली की 60 फीसदी यौनकर्मी अपने गृह राज्यों के लिए जा चुकी हैं। जिसमें वह बताती हैं कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पंजीकृत यौनकर्मियों की संख्या कुल 5000 है और गृह राज्यों को लौटने वाली यौनकर्मियों की संख्या 3000 है।


Source :Uttarakhand Dwar


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