श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने लगाया अहसान अंसारी को झूठा फंसाने का आरोप


राहत अंसारी


राज्यपाल व मुख्यमंत्री से की पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग


 


हरिद्वार, 13 जून। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन से जुड़े पत्रकारों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर कुछ पुलिसकर्मियों पर पत्रकार अहसान अंसारी को झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच व पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग की है। इस दौरान यूनियन के जिला अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि अहसान अंसारी मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। उनके द्वारा ज्वालापुर कोतवाली में तैनात रहे कुछ पुलिसकर्मियों के संबंध में समाचार प्रकाशित किया गया था। जिससे पुलिसकर्मी उनसे रंजिश रखने लगे थे।


 


पुलिसकर्मियों द्वारा अपने खिलाफ साजिश रचे जाने के संबंध में अहसान अंसारी ने सीएम हेल्पलाइन, डीजीपी को अवगत भी कराया गया था। बीती 16 मई को पुलिस द्वारा एक झूठी व आधारहीन शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। इस दौरान उन्हें परिजनों व पत्रकारों से मिलने भी नहीं दिया गया। रामेश्वर शर्मा ने पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों की भी गहनता से जांच करायी जानी चाहिए। यूनियन के महामंत्री डा.विशाल गर्ग ने कहा कि नियमानुसार किसी भी मान्यता प्राप्त करने के खिलाफ कार्यवाही से पूर्व पूर्ण जांच की जानी चाहिए। लेकिन अहसान अंसारी के मामले में ऐसा नहीं किया गया। बिना उचित जांच के ही पत्रकार को दोषी ठहराकर जेल भेज दिया गया। डा.विशाल गर्ग ने कहा कि अहसान अंसारी को हिरासत में रखकर प्रताड़ित भी किया गया।


 


जिससे मित्र पुलिस की कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की मांग है कि पूरे मामले की सीबीसीआईडी से उच्चस्तरीय जांच करायी जाए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो यूनियन से जुड़े पत्रकार धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में मनीष कागरान, देवम मेहता, मुदित अग्रवाल, राजेश वर्मा, अश्वनी अरोड़ा, मनोज रावत, नावेद अख्तर, जीपी पाण्डे, दीपक मौर्या, सद्दाम हुसैन, संजय लाम्बा, विकास चैहान, राकेश भाटिया, बबीता भाटिया आदि पत्रकार शामिल रहे।


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