एक्सक्लूसिव : वरिष्ठ उप निरीक्षको की 4 साल से पदोन्नति क्यो नहीं, जबकि नियमावली में भी हो चुका है संशोधन

विकास गर्ग)


 


उत्तराखंड में पुलिस विभाग ही एक ऐसा विभाग है जिसमें सबसे ज्यादा सेवाएं ली जाती है चाहे वो ट्रैफिक के मामले में चाहे वह गस्त ड्यूटी के मामले में किसी भी संबंध में पुलिस विभाग जी-जान से अपनी ड्यूटी करता है। लेकिन कहीं ना कहीं वह अपने अधिकारों से वंचित भी रह रहा है।अगर हम बात करें पुलिस विभाग में तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षकों के तो पिछले 4 साल से पदोन्नति ही नहीं हुई है जिसके चलते कई वरिष्ठ उपनिरीक्षक तो रिटायर होकर विभाग से जा भी चुके हैं लेकिन विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही ।


 


 गृह विभाग एवं पुलिस विभाग से कुछ सवाल


 


1-उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक (नागरिक पुलिस/अभिसूचना) सेवा नियमावली 2018 दिनांक 31.7.2018 को लागू हुई एवं वर्ष 2019 में संशोधन भी हो गया है।


 


 2- उत्तराखंड पुलिस इंस्पेक्टर सिविल पुलिस के 2007 पद स्वीकृत हैं।


3- नियमावली बनने की दिनांक को इंस्पेक्टर सिविल पुलिस के 65 पद खाली थे जो कि कुल पदों के 30% से अधिक हैं।4- फरवरी 2020 में इंस्पेक्टर सिविल पुलिस के 277 पद खाली थे तथा वर्तमान में सेवानिवृत्ति इंस्पेक्टर से पुलिस उपाधीक्षक पद पर पदोन्नति के (पुलिस उपाध्यक्ष पद पर सिविल पुलिस के 10 निरीक्षक की पदोन्नति हुई है) फलस्वरूप इंस्पेक्टर सिविल पुलिस के लगभग 90 पद खाली हैं जो कि कुल पद के 40% से भी अधिक है निकट भविष्य में महाकुंभ मेला भी प्रस्तावित है।


 5- इसके बावजूद चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए उत्तराखंड पुलिस उपनिरीक्षक (नागरिक पुलिस/अभिसूचना) सेवा नियमावली 2018 एवं संशोधन नियमावली 2019 को दरकिनार कर उसमें संसोधन करने पर अड़े पुलिस मुख्यालय द्वारा रिक्तियो के बावजूद पदोन्नति नहीं की जा रही है।


 6- जबकि उत्तराखंड शासन द्वारा अपने पत्र दिनांक 18.03.2020-23.04.2020 व 11.05.2020 के माध्यम से शीघ्र पदोन्नति संबंधित कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है।


7- उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक (नागरिक सुरक्षा पुलिस/अभिसूचना) सेवा नियमावली 2018 एवं संशोधन नियमावली 2019 में वरिष्ठता के आधार पर उप निरीक्षक के निरीक्षक पद पर पदोन्नति का प्रावधान है जबकि पुलिस मुख्यालय उक्त प्राविधान को संशोधित कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए सेवा अभिलेखों पर आधारित 90 अंकों के आधार पर पदोन्नति करना चाहता है जबकि पुलिस मुख्यालय के इस प्रस्ताव को शासन पूर्व में ही खारिज कर चुका है। अब शासन पर फिर से संशोधन का दबाव डाला जा रहा है।


8- उत्तराखंड के समस्त विभागों में पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर होती है।


 9- उत्तर उत्तर प्रदेश पुलिस में भी वरिष्ठता के आधार पर ही उप निरीक्षक से निरीक्षक के पद पर पदोन्नति की जाती है।


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