भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए पुरी के आफताब हुसैन पहुंचे सुप्रीम कोर्ट…


याचिका दायर कर कहा- कोर्ट अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे: हिंदू पक्ष ने भी आदेश संशोधित करने की मांग की…


 


कोरोना महामारी के चलते लगाई गई है रोक…


 


लखनऊ/नई दिल्ली/पुरी‌। देश में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक लगा दी थी, अब फैसले में संशोधन की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि जगन्नाथ यात्रा को केवल पुरी में निकालने की इजाजत दी जाए, वैसे तो देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग स्थानीय स्तर पर यात्रा आयोजित करते हैं। याचिका पुरी के नागरिक आफताब हुसैन ने अपने वकील प्रणय कुमार महापात्र के जरिए दाखिल की है।


याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि यह यात्रा निकालने और पूजा के लिए लाखों लोगों को नहीं केवल 500-600 लोगों को इजाजत मिले, जो कोरोना संकट के मद्देनजर जारी बचाव और एहतियात संबंधी गाइडलाइन और आपसी दूरी का पूरा ख्याल रखेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कोरोना संकट के चलते ओडिशा के पुरी में सदियों पुरानी परंपरा भगवान जगन्नाथ यात्रा निकालने और उससे जुड़ी गतिविधियों पर गुरुवार को रोक लगा दी थी।


इस साल यह रथयात्रा 23 जून को होनी थी, सामान्य तौर पर रथयात्रा में 10 से 12 लाख लोग जमा होते हैं‌ यह समारोह करीब 10 दिन चलता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए रथयात्रा रोकने का आदेश जरूरी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसे संकट के समय रोक नहीं लगाई गई तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह एक एनजीओ ने याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार यात्रा पर रोक के आदेश का फैसला नहीं ले पा रही है। उधर यात्रा की तैयारियां बड़े जोर से चल रही है, यात्रा में लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी, जिससे कोरोना महामारी और फैलेगी।


वैसे मंदिर समिति का कहना है कि सिर्फ पंडित पुजारी रथ खींचें या फिर हाथियों से रथ खिंचवाया जाए या फिर क्रेन की मदद से भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और ऋबलराम प्रभु के रथ खिंचवा कर गुंडीचा मंदिर तक ले जाने की परंपरा निभाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा विकास परिषद की याचिका पर रोक लगाई थी। अब दो हस्तक्षेप याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं जिनमें पिछले आदेश को संशोधित करने की अपील की गई है। ऑर्डर को मॉडिफाई करने की एक याचिका जगन्नाथ संस्कृति जन जागरण मंच की ओर से वकील हितेंद्र नाथ रथ ने दाखिल की है, जबकि दूसरी याचिका पुरी के नागरिक आफताब हुसैन ने अपने वकील प्रणय कुमार महापात्र के जरिए दाखिल की है।


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