अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सूर्यग्रहण और फादर्स डे का अद्भुत संयोग :- स्वामी चिदानन्द सरस्वती


21 जून, ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनायें देते हुये कहा कि आज अद्भुत संयोग है क्योंकि आज का दिन सबसे बड़ा दिन होता है, आज सदी का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण है और पिता दिवस भी है। उन्होेंने कहा कि पिता अपने बच्चों का रियल हीरो होता है, पिता अपने बच्चों और परिवार को छांव में रखने के लिये खुद धूप में रहता है, भारत में तो हर दिन ही फादर्स डे है। नन्हें प्यारे बच्चों के लिये तो पापा ही सहारा होते हैं, बचपन में भी और पूरे जीवन में भी, बच्चा जब पहला कदम उठाता है तब से लेकर जिन्दगी के हर समस्याओं का पिता के पास होता है।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का देश, दुनिया और जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आज का सूर्यग्रहण तो सदी का सबसे बड़ा और विशेष सूर्यग्रहण है। आज का दिन हम सभी को जप, ध्यान और अपने श्रेष्ठ संकल्पों को याद करने का एक अद्भुत अवसर है।


स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’’आज सबसे लम्बा और विशाल दिन होता है, ऐसा ही दिल चाहिये। यही तो योग का प्रभाव है जो अवसाद को भी उत्सव बना दे, जो अवसाद को भी अवसर बना दे और जो अवसाद को भी प्रसाद बना दे उसी का नाम ही तो योग है। कोरोना काल में स्वस्थ और सुखी रहने का जादुई मंत्र है-योग। योग से हम स्वस्थ और सुखी रहने के साथ ही व्यस्त रहते हुये, मस्त रह सकते हैं। आज पूरा विश्व योगमय हो रहा है। योगा फाॅर हेल्थ, योगा एट होेम, योगा फार आॅल।


 मुझे तो लगता है अब तो घर-घर योग, हर घर योग, हर घट योग, हर घाट पे योग। योग सदाबहार है, योग रामबाण है, योग संजीवनी है। योग से तन स्वस्थ और मन मस्त तथा स्थिर रहता है। इस कोरोना काल में शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये योग पाॅवर बूस्टर का काम करता है और योग इम्यूनिटी बूस्टर है। योग, बाहर और भीतर दोनों तरह के वायरस से लड़ने की क्षमता रखता है। योग, तन की थकान और मन के तनाव को भी दूर करता है इसलिये मैं कहता हूँ योग करें। रोज करें और मौज करंे। सारा खेल इम्यूनिटी का है, योग इज इम्यूनिटी बूस्टर, योग इज एन अमेजिंग बूस्टर। योग, ध्यान, प्राणायाम करके तो देखें। कुछ दिन तो करो योग, मिट जाएंगे सारे रोग। योग, भय में नहीं भाव में जीना सिखाता है। कोरोना से डरने की जरूरत नहीं बस सावधानी बरतें और नियमों का पालन करें बस हो गया।


हमने आज जब गंगा के तट पर योग किया और लगभग पूरे विश्व के अनेकों देशों के लोग जुड़े हमारे साथ जुड़े। उसमें हर धर्म से, हर रंग से, हर देश के योग जिज्ञासु थे, हमने योग तो किया साथ ही गंगा योग भी किया। हमने गंगा स्नान भी किया वह भी मास्क लगाकर ताकि माँ गंगा को बिल्कुल निर्मल रखा जा सके और अपनी सांस के भी कीटाणु उसे प्रदूषित ना कर सके। मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जो क़ि ट्रेंड सेंटर हैं। जो काम 73 वर्षों में ना हो सका वह उनके प्रथम शासन काल के 6 महीने में ही कर दिया। एक ऐसा प्रस्ताव था जो यूनाइटेड नेशन के साथ यूनाइटेड क्रिएशन के लिए भी प्रेरित करता रहेगा। आज इसी की जरूरत है, यही हमारी पहचान है, यही हमारी यूएसपी है, यही हमारी टीआरपी को बढ़ाएगा। योग में ही दम है जो कि वतन को भी और मन को भी मजबूत बनाता है। अब तन, मन, धन तीनों क्षेत्रों में इसका अद्भुत प्रभाव हैं। अनेकों समस्याओं के निदान का एक टोल फ्री नम्बर है - योग और ध्यान।


21 जून, 2020 को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। यह 6 वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। 21 जून, 2015 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 वैश्विक प्रतिनिधियों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी। भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस के प्रस्ताव को मंज़ूर करने के संदर्भ में लिया गया यह सबसे कम समय है।


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