उत्तराखंड में सरकार को ब्लैकमेल करते शराब माफिया

देहरादून। उत्तराखंड में जल्द ही शराब की दुकानें बंद हो सकती हैं। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में ठेकेदारों के हक में फैसले नहीं लिए जाने से नाराज ठेकेदारों ने अब दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है। ठेकेदारों ने सरकार को इससे पहले भी ठेके बंद करने की चेतावनी दी थी, लेकिन माना जा रहा था कि सरकार ठेकेदारों की मांगों पर बैठक में फैसला लेगी। लेकिन ऐसा नहीं होने पर अब सभी ठेकेदार एक साथ खड़े हो गए हैं।


 


ठेकेदारों का कहना था कि उनका मार्च के नो दिनों का अधिभार माफ किया जाए। इसके अलावा उन्होंने साल 2019-2020 की मार्च की छुटी हुई दुकान का अवशेष स्टॉक को अनुज्ञापी अपनी दूसरी दुकान में शिफ्ट किए जाने, दिल्ली की तर्ज पर कारोना टैक्स हटाने समेत कई मांगों को आबकारी आयुक्त के सामने रखा था।


 


कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने अधिभार से ज्यादा किसी भी और मांग पर कोई विचार नहीं किया। ऐसे में अब दुकानदार दुकान खोलने के लिए तैयार नहीं हैं।


 


शराब कारोबारियों के लिए सरकार ने ये लिया फैसला


 


लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद रहने पर सरकार ने शराब कारोबारियों को भी राहत दी है। सरकार ने तीन तरह की राहत प्रदान की है। पिछले वित्तीय वर्ष में 20 मार्च से 31 मार्च तक 10 दिनों तक लॉकडाउन के कारण बंद रही दुकानों का 34 करोड़ रुपये अधिभार माफ कर दिया है।


 


चालू वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से शराब की दुकानें आवंटित हुईं, लेकिन उनको संचालित नहीं किया जा सका। ऐसी 504 दुकानों से 195 करोड़ रुपये का अधिभार नहीं लिया जाएगा। जो 155 दुकानें आवंटित नहीं हुई हैं, उनको लॉटरी के माध्यम से आवंटित किया जाएगा, लेकिन उनको भी छूट दी जाएगी।


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