उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना पीड़ित मरीजों को देखते हुए प्रावासियों को लाने की रफ्तार हुई धीमी


देहरादून – दूसरे राज्यो से उत्तराखंड में लौट रहे प्रवासियों ने अब उत्तराखंड सरकार की समस्याओं को दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। क्योकि प्रवासियों के लौटने के बाद जिस प्रकार से प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़े है उससे राज्य सरकार काफी चिंतित नजर आ रही है। तो ही अब राज्य सरकार प्रवासियों को लाने में कहीं ना कहीं अब थोड़ी ढिलाही बरतने के मुंड में नजर आ रही है। जिसकी मुख्य वजह दिन प्रति दिन बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजो के आंकड़े को ही माना जा रहा है।


 


गौरतलब है कि राज्य सरकार बीते दिनों दिल्ली से प्रवासियों को लाने के लिए 100 बसें भेजी थी लेकिन अभी तक उसमे से मात्र 30 गाड़ियां ही बुलाई जा सकी हैं, बाकी 70 बसें दिल्ली में ही खड़ी है। जिससे साफ पता चलता है कि कहीं ना कहीं कहा जा सकता है कि सरकारी तंत्र अब प्रवासी को लाने में थोड़ी ढिलाई बरतता नज़र आ रहा है ताकि तेजी से बढ़ रहे कोरोना के ग्राफ को थोड़ा कंट्रोल में लाया जा सके, इसके साथ ही क्वॉरेंटाइन समेत अन्य व्यवस्थाओं को प्रवासियों के लिए और बेहतर किया जा सके।


 


उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य सरकार के पास सारी व्यवस्था है। और सभी व्यवस्थाओं को देखते हुए प्रवासियों को वापस उत्तराखंड लाया जा रहा है। हालांकि वर्तमान समय में प्रवासियों की लाने की गति थोड़ी कम जरूर हुई है। क्योंकि दिल्ली से प्रवासियों को लाने के लिए 100 बसें भेजी गई थी जिसमें से अभी 30 बस ही वापस आई हैं। 70 बस दिल्ली में ही खड़ी है। लेकिन अब उन्हें भी बुलाया जा रहा है।


 


साथ ही मदन कौशिक ने बताया कि प्रवासियों के आने की वजह से कोरोना वायरस मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। यही नहीं प्रदेश में कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत कम थी इस लिए डबलिंग रेशो तेजी से बढ़ रहा है। यही नहीं दिल्ली और महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों की वजह से मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जो राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। बावजूद इसके सरकार की सभी तैयारियां पूरी तरह से मुकम्मल है।


 


 


 


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