तीन मई के बाद निर्धारित होगी हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तिथि

 



देहरादून। कोरोना वायरस से बढ़ते खतरे को देखते हुए हेमकुंड साहिब ट्रस्ट ने फिलहाल हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने के लिए निर्धारित की गई तिथि स्थगित कर दी है। अब तीन मई के बाद नई तिथि पर कोई फैसला लिया जाएगा। हेमकुंड साहिब के कपाट एक जून को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने थे। 25 अप्रैल से हेमकुंड आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम शुरू किया जाना भी प्रस्तावित था, लेकिन लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक किए जाने से हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के सामने असमंजस की स्थिति हो गई है।


सेना के जवानों के साथ ही गुरुद्वारे के सेवादार भी बर्फ हटाने को गोविंदघाट नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे ट्रस्ट के सामने कपाट खोलने की तिथि टालने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हेमकुंड साहिब के चार किमी के आस्था पथ पर अभी भी करीब ग्यारह फीट तक बर्फ जमी है। हेमकुंड गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि तीन मई के बाद ही हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने की नई तिथि निर्धारित की जाएगी।


वहीं बदरीनाथ धाम से जुड़े कर्मचारी धाम में व्यवस्थाएं बहाल करने में जुटे हैं। कर्मचारियों ने बदरीनाथ मंदिर के मुख्य मार्ग और परिक्रमा स्थल तक बर्फ हटा दी है जबकि बदरीनाथ मंदिर परिसर में अभी भी लगभग चार फीट तक बर्फ जमी है। वहीं बदरीनाथ हाईवे भी देश के अंतिम गांव माणा तक सुचारु कर दिया गया है।


शीतकाल में बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए मंदिर के चार कर्मचारी व पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। बदरीनाथ के कपाट 30 अप्रैल को खोले जाने हैं। इससे पूर्व परिक्रमा स्थल से बर्फ हटाई जानी है। सीमा सड़क संगठन ने बदरीनाथ हाईवे को देश के अंतिम गांव माणा तक सुचारु कर दिया गया है।


बदरीनाथ मंदिर तक पहुंच मार्ग से भी मंदिर के कर्मचारियों ने बर्फ हटा दी है। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि पूर्व बीकेटीसी अध्यक्ष बीडी सिंह के नेतृत्व में शीघ्र ही मंदिर कर्मचारी व विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी बदरीनाथ धाम में व्यवस्थाएं जुटाने के लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ धाम में बर्फबारी से पेयजल और बिजली लाइनों को अत्यधिक क्षति हुई है। यात्रा से पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी।


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