चारधाम यात्रा कराने वाली कंपनियों और ट्रेवल्स व्यवसाइयों पर लाॅकडाउन की मार। आखिर कैसे ? जाने

 



देहरादून / हरिद्वार । उत्तराखंड में चार धाम यात्रा कराने वाली संयुक्त रोटेशन की 13 कंपनियों और ट्रेवल व्यवसाइयों पर अब लॉकडाउन का असर पड़ने लगा है। लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी की मार झेल रहे ड्राइवर, कंडक्टर ,पर्यटन और परिवहन व्यवसायी सरकार के लॉकडाउन को 3 मई  तक बढ़ाने के फैसले से चिंतित हो गए हैं। लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी का दंश झेल रहे पर्यटन और परिवहन  व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए वाहनों की किस्त और टैक्स जमा करना तक मुश्किल हो गया है। व्यवसाय से जुड़े लोगों और संस्थाओं ने सरकार से राहत की मांग की है ताकि इस मुश्किल समय में परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोग जिंदा रह सकें।  परिवहन महासंघ व ट्रेवल्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि जिस तरह 2013 में उत्तराखंड के परिवहन व्यवसायियों को राहत दी गई थी उसी तरह कोराना संक्रमण काल में भी राज्य सरकार वाहन व्यवसायियों के टैक्स माफ करें। महासंघ ने वाहन स्वामी के साथ ही ड्राइवर, कंडक्टर के लिए भी राहत पैकेज की भी घोषणा की मांग की है।महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय और हरिद्वार ट्रेवल्स एसोसिएशन के महामन्त्री सुमित श्रीकुंज का कहना है कि चार धाम यात्रा सिर पर है और परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों की लगातार बुकिंग कैंसिल हो रही हैं। 2020 की चार धाम यात्रा कोरोना वायरस के चलते शुरु भी हो पाती है या नहीं, यह कहना भी मुश्किल है.राय कहते हैं कि परिवहन व्यवसायियों पर दोहरी मार पड़ रही है और इस सेक्टर को बचाने के लिए सरकार को तुरंत यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। टैक्स माफ करने के अलावा असंगठित क्षेत्र के ड्राइवर, कंडक्टर को राहत पैकेज भी देना चाहिए ताकि वह अपना जीवन यापन कर सकें। हरिद्वार ट्रेवल्स एसोसिएशन के महामन्त्री सुमित श्रीकुंज का कहना है कि कोरोना महामारी की मार से पहले ही दिसम्बर माह से ट्रेने बन्द होने के कारण पर्यटन व्यवसाइयों की कमर  टूटी पड़ी है। ऐसे में उन्होंने उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक से मांग की है कि ट्रेवल्स व्यवसाइयों की इस समस्या को सरकार तक पंहुचा कर कुछ रहत पॅकेज की घोषणा जरूर कराएँगे।   
बता दें कि संयुक्त रोटेशन बीते चार दशक से उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री की यात्रा को परिवहन सेवा के माध्यम से पूरा कराता है । 6 महीने चलने वाली है यात्रा उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन है। इसका इंतजार इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को बेसब्री से रहता है लेकिन लॉकडाउन में सब कुछ ठप हो गया है।   



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