सी.ए.ए हिंसा के उपद्रवियों की पहचान के लिए लखनऊ के चैराहों पर लगे पोस्टर

 





लखनऊ/ लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों की पहचान कर प्रशासन की ओर से अब तक 1 करोड़ 55 लाख रुपये के रिकवरी का नोटिस दिया जा चुका है। नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में उत्तर प्रदेश को उपद्रव की आग में झोंकने वालों और दंगा−आगजनी की साजिश को पर्दे के पीछे से अंजाम देने वाली देश विरोधी ताकतों के खिलाफ प्रदेश के कप्तान योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा खोल दिया है। यूपी की सत्ता पर काबिज योगी सरकार ने एक तरफ जहां अमन−चैन से रहने का पाठ पढ़ा रही है वहीं शांति भंग करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में भी नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागिरकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने सरकारी संस्थाओं को काफी नुकसान पहुंचाया था। अब जिला प्रशासन ने सीएए विरोधी उपद्रवियों की पहचाने के लिए शहर में पोस्टर लगाए हैं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा में नुकसान की भरपाई के लिए तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले 57 आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं। लखनऊ में 19 दिसंबर को सड़कों पर जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। लखनऊ के चैराहों पर बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं, जिनमें बीते साल 19 और 20 दिसंबर को राजधानी में आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा करने वालों के नाम के साथ उनकी फोटो लगाई गई है। लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों की पहचान कर प्रशासन की ओर से अब तक 1 करोड़ 55 लाख रुपये के रिकवरी का नोटिस दिया जा चुका है। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर प्रशासन की ओर से उन्हें वसूली नोटिस भेजा गया था। अब ऐसे ही करीब 57 उपद्रवियों की तस्वीरें लखनऊ के अटल चैक और हजरतगंज सहित अन्य चैराहों पर लगाए गए हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हिंसा के अगले दिन ही यह साफ कर दिया था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


 


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